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बृहदेश्वर मंदिर कहाँ है? | कैसे जाएं | बेस्ट टाइम

बृहदेश्वर मंदिर कहाँ है? | कैसे जाएं | बेस्ट टाइम

बृहदेश्वर मंदिर, जिसे तंजौर का बड़ा मंदिर भी कहा जाता है, तमिलनाडु के तंजावुर में स्थित एक हिंदू मंदिर है। यह चोल राजा राजा चोल I द्वारा 1010 ईस्वी में बनवाया गया था और यह भगवान शिव को समर्पित है। यह मंदिर यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल है और इसे भारत के सबसे बड़े और सबसे प्रभावशाली हिंदू मंदिरों में से एक माना जाता है।

बृहदेश्वर मंदिर कहाँ स्थित है? । Where is Brihadeshwar Temple located?

बृहदेश्वर मंदिर मदुरै, तमिलनाडु में स्थित है, न कि तिरुवन्नामलाई में। मदुरै भारत में एक प्रमुख पर्यटन स्थल है और बृहदेश्वर मंदिर इसका महत्वपूर्ण हिस्सा है। यह मंदिर विश्व धरोहर स्थलों की सूची में शामिल है और यह तमिलनाडु की मारी अम्मन को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए बनाया गया है। यह मंदिर तमिल संगठन और वास्तुकला का अद्वितीय उदाहरण है और इसे भक्तों के बीच एक प्रमुख धार्मिक स्थल के रूप में पहचाना जाता है।

बृहदेश्वर मंदिर जाने का सबसे अच्छा समय | Best Time to Travel in Brihadeshwar Temple?

बृहदेश्वर मंदिर की यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय नवम्बर से फरवरी के बीच है। इस समय तमिलनाडु का मौसम शांत और सुहावना होता है और यात्रा का आनंद लेने के लिए अच्छा मौका होता है।

बृहदेश्वर मंदिर क्यों प्रसिद्ध है? । Why is Brihadeshwar Temple Famous?

बृहदेश्वर मंदिर मदुरै, तमिलनाडु का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है और इसे अनेक कारणों से प्रसिद्धता प्राप्त है। यहां कुछ मुख्य कारण दिए गए हैं:

  1. ऐतिहासिक महत्व – बृहदेश्वर मंदिर 11वीं सदी में चोल राजवंश के राजा राजराजेश्वर I द्वारा बनवाया गया था। इसका निर्माण भारतीय स्थापत्य कला और वास्तुकला के एक अद्वितीय उदाहरण के रूप में जाना जाता है।
  2. आर्किटेक्चरल सुंदरता – यह मंदिर भव्य आर्किटेक्चरल और वास्तुकला का प्रतीक है। इसके मुख्य गोपुरम और प्रमुख मंदिर की महाद्वारों में कार्यकृत संगमरमर की विशाल और अद्वितीय मूर्तियां हैं।
  3. भारतीय संस्कृति का केंद्र – बृहदेश्वर मंदिर तमिलनाडु में भारतीय संस्कृति, धर्म और विरासत का महत्वपूर्ण केंद्र है। यहां प्रतिवर्ष अनेक पूजाओं, उत्सवों और धार्मिक आयोजनों का आयोजन होता है और लाखों भक्त यहां आते हैं अपनी भक्ति प्रकट करने और आराधना करने के लिए।
  4. विश्व धरोहर स्थल – बृहदेश्वर मंदिर को यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता प्राप्त है। इसे विश्वस्तरीय महत्त्व और संरक्षित महत्व वाली स्थानों की सूची में शामिल किया गया है।

बृहदेश्वर मंदिर का इतिहास | History of Brihadeshwar Temple?

बृहदेश्वर मंदिर का निर्माण 11वीं सदी में चोल राजवंश के महाराजा राजराजेश्वर I द्वारा किया गया था। यह मंदिर उनके शासनकाल (985-1014 ईस्वी) में बनाया गया था। मंदिर का मुख्य उद्घाटन सम्राट राजराजेश्वर द्वारा 1010 ईस्वी में किया गया था।

मंदिर का निर्माण मुख्य रूप से तमिलनाडु के चोल इंपायर के समय में हुआ था, जब चोल राजवंश अपने राज्य का विस्तार कर रहे थे और कला, साहित्य, धर्म और व्यापार में महत्वपूर्ण योगदान दे रहे थे। राजराजेश्वर का उद्घाटन समारोह भव्य था और इसे विभिन्न भागों में सुंदरता और कला का प्रदर्शन करने के लिए आयोजित किया गया था।

बृहदेश्वर मंदिर कहाँ है? | कैसे जाएं | बेस्ट टाइम

बृहदेश्वर मंदिर का निर्माण शिल्पकला में बहुत माहिर था। इसका निर्माण मुख्य रूप से ग्रेनाइट संगमरमर का उपयोग करके किया गया है। मंदिर की महाद्वारों पर कई शिलालेख, मूर्तियां और आभूषणों की सुंदर कार्यकला देखी जा सकती है।

बृहदेश्वर मंदिर अपनी भव्य आर्किटेक्चर, अद्वितीय रंगीन संगमरमर की वैदूर्य और विस्तृत उत्क्रमण प्रांगण के लिए प्रसिद्ध हो गया है। इसके विभिन्न भागों में स्थापित मूर्तियां, शिलालेख और वास्तुकला का आद्यात्मिक वातावरण भक्तों को आकर्षित करता है। यह मंदिर भारतीय स्थापत्य कला का एक अद्वितीय उदाहरण माना जाता है और इसे विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता प्राप्त है।

बृहदेश्वर मंदिर की ऊंचाई और तापमान?

बृहदेश्वर मंदिर समुद्र तल से 66 मीटर (216 फीट) की ऊंचाई पर स्थित है और तापमान –

महीना (Month)न्यूनतम तापमान (Minimum Temperature)अधिकतम तापमान (Maximum Temperature)
जनवरी (January)21°C31°C
फरवरी (February)22°C33°C
मार्च (March)24°C36°C
अप्रैल (April)27°C39°C
मई (May)28°C40°C
जून (June)26°C38°C
जुलाई (July)25°C37°C
अगस्त (August)25°C37°C
सितंबर (September)25°C36°C
अक्टूबर (October)24°C34°C
नवम्बर (November)23°C31°C
दिसम्बर (December)21°C31°C

बृहदेश्वर मंदिर कैसे जाएं?। How to reach Brihadeshwar Temple?

बृहदेश्वर मंदिर तमिलनाडु के तिरुवन्नामलाई शहर में स्थित है। यह एक प्रमुख पर्यटन स्थल है और भारतीय संस्कृति का महत्वपूर्ण केंद्र है। यहां कुछ जानकारी दी गई है जो आपको मंदिर तक पहुंचने में मदद कर सकती है:

  1. हवाई मार्ग – नजदीकी विमानतल सिविल विमानतल तिरुचिरापल्ली (Tiruchirappalli) है, जो लगभग 50 किलोमीटर दूर है। यहां से आपको टैक्सी या बस का उपयोग करके तिरुवन्नामलाई जा सकते हैं।
  2. रेल मार्ग – तिरुवन्नामलाई रेलवे स्टेशन विभिन्न शहरों से सीधे जुड़ा हुआ है। आप नजदीकी रेलवे स्टेशन से टैक्सी या ऑटोरिक्शा ले सकते हैं और मंदिर तक जा सकते हैं।
  3. सड़क मार्ग – यदि आप अपनी खुद की गाड़ी का उपयोग करना चाहते हैं, तो तिरुवन्नामलाई को नेशनल हाइवे 38 द्वारा पहुंचा जा सकता है। इसके बाद, आपको योजनाबद्ध और संकेतों के साथ आसानी से मंदिर तक पहुंचने का मार्ग मिलेगा।

बृहदेश्वर मंदिर की वास्तुकला? । Architecture of Brihadeshwar Temple?

बृहदेश्वर मंदिर वास्तुकला के मामले में एक महान उदाहरण है। यह मंदिर तमिलनाडु की दक्षिणी देशीय स्थापत्य कला का अद्वितीय उदाहरण माना जाता है। यह एक नगर शैली के मंदिर है, जिसमें केंद्रीय शिखर के साथ समन्वित शैली के उत्तरी और दक्षिणी गोपुरम भी हैं।

मंदिर का मुख्य भव्य गोपुरम प्रमुख प्रवेश द्वार के रूप में स्थापित है और इसे पांच तलों में विभाजित किया गया है। इसमें उच्च कला और नक्काशी की कार्यकला का एक अद्वितीय संयोजन है।

मंदिर की मुख्य गोपुरम के ऊपर शिखर स्थापित है, जिसमें एक कालीनग स्थापित है और यह मंदिर के प्रमुख पहचान चिह्न के रूप में उभरता है।

मंदिर के भीतर भी वास्तुकला की अद्वितीयता देखी जा सकती है। मुख्य सन्दर्भमण्डप में वृषभारूढ़ नंदी मूर्ति की स्थापना है, जो भगवान शिव के वाहन के रूप में मान्यता प्राप्त है। मंदिर के भीतर मंडप, गर्भगृह और अन्तराल की सुंदर वास्तुकला देखी जा सकती है, जिसमें शिलालेखों, मूर्तियों और नक्काशियों का समन्वय है।

बृहदेश्वर मंदिर में ग्रेनाइट का विस्तृत उपयोग किया गया है, जो मंदिर की स्थायित्व, सौंदर्य और महत्त्व को बढ़ाता है। इसकी वास्तुकला ने वर्षों से यात्रियों, शिल्पकारों और धार्मिक प्रशंसकों को प्रभावित किया है और इसे एक प्रमुख धार्मिक स्थल बनाया है।

बृहदेश्वर मंदिर की विशेषताएं?। Features of Brihadeshwar Temple?

बृहदेश्वर मंदिर की कई विशेषताएं हैं, जो इसे एक अद्वितीय और प्रसिद्ध मंदिर बनाती हैं। यहां कुछ मुख्य विशेषताएं हैं –

  1. अत्यंत भव्य आर्किटेक्चर – बृहदेश्वर मंदिर अपने शैलीशील आर्किटेक्चर के लिए प्रसिद्ध है। इसमें शिखर के साथ विस्तृत प्रांगण, महाद्वार और अलग-अलग मंदिरीय भवनों का समन्वय है।
  2. विशाल संगमरमर की मूर्तियां – मंदिर में विशाल संगमरमर की मूर्तियां स्थापित हैं, जिनमें भगवान शिव, पार्वती, नंदी और अन्य देवताओं की मूर्तियां शामिल हैं। इन मूर्तियों की आद्यात्मिक और कलात्मक महत्त्वपूर्णता देखी जा सकती है।
  3. अद्वितीय नक्काशी कार्यकला – मंदिर की दीवारों, द्वारों, मंडपों और गोपुरम की नक्काशी कार्यकला अत्यंत अद्वितीय है। यहां देवताओं, यात्रियों, पशु-पक्षियों और औषधियों के चित्रण में विस्तारित किया गया है।
  4. विश्वस्तरीय महत्त्व – बृहदेश्वर मंदिर को यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल के रूप में मान्यता प्राप्त है। इसकी विशेष महत्त्वपूर्णता को मान्यता देने का कारण इसकी कला, वास्तुकला और ऐतिहासिक महत्व है।
  5. गोपुरम और शिखर – मंदिर के गोपुरम और शिखर उच्चता में महत्त्वपूर्ण हैं। इसका मुख्य गोपुरम पांच तलों में विभाजित है और इसमें शिखर स्थापित है जिसमें एक कालीनग नक्काशित है।
  6. प्राकृतिक वातावरण – बृहदेश्वर मंदिर एक आध्यात्मिक और प्राकृतिक वातावरण में स्थित है। मंदिर के पास एक विशाल प्रांगण है जहां प्रवेश करने पर शांति और आनंद का अनुभव होता है।

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