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ग्वालियर कहाँ है? | कैसे जाएं | बेस्ट टाइम

ग्वालियर कहाँ है? | कैसे जाएं | बेस्ट टाइम

ग्वालियर (Gwalior) मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) राज्य का एक प्रमुख शहर है। यह शहर अपने समृद्ध इतिहास (rich history) और सांस्कृतिक (cultural) धरोहर के लिए विश्वविख्यात है। इसका नाम राजा सूरसेन (King Surasen) के बेटे ग्वालिप (Gwalip) के नाम पर पड़ा है। इस नगर का वर्णन महाभारत (Mahabharata) में भी मिलता है।

ग्वालियर कहाँ स्थित है? । Where is Gwalior located?

ग्वालियर मध्य प्रदेश राज्य के उत्तरी भाग में स्थित है। यह नगर आगरा (Agra) और भोपाल (Bhopal) के बीच में स्थित है और यह राज्य की आर्थिक (economic) और प्रशासनिक (administrative) क्रियाकलापों का केंद्र है।

ग्वालियर जाने का सबसे अच्छा समय है? | Best Time to Travel in Gwalior?

ग्वालियर में यात्रा करने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मार्च है। इस समय मौसम सुहावना (pleasant) होता है और यात्राओं को अद्वितीय (unique) अनुभव मिलता है।

ग्वालियर क्यों प्रसिद्ध है? । Why is Gwalior Famous?

ग्वालियर का प्रसिद्धी उसकी विरासत (heritage), संगीत (music), और शिक्षा (education) के क्षेत्र में है। यह शहर भारतीय संगीत के लिए एक महत्वपूर्ण केंद्र है और यहाँ का ‘ग्वालियर घराना’ संगीत जगत में प्रसिद्ध है। साथ ही, यहाँ के स्कूल और विश्वविद्यालय (universities) भी देशभर में प्रसिद्ध हैं।

ग्वालियर में कौन से प्रमुख पर्यटन स्थल हैं?। What are the major tourist places in Gwalior?

ग्वालियर, मध्य प्रदेश, भारत का एक प्रमुख पर्यटन स्थल है और यहाँ पर कई महत्वपूर्ण और प्रसिद्ध स्थल हैं। यहाँ प्रमुख पर्यटन स्थलों में से कुछ निम्नलिखित हैं –

1.ग्वालियर फोर्ट। Gwalior Fort kahan hai

ग्वालियर किला (Gwalior Fort) ग्वालियर, मध्य प्रदेश, भारत में स्थित एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। यह किला ग्वालियर शहर के चरम बिंदु पर स्थित है और एक पहाड़ी पर बना हुआ है।

ग्वालियर किला भारतीय इतिहास, संस्कृति और वास्तुकला का महत्वपूर्ण प्रतीक माना जाता है। इसे बादशाही सम्राटों और महाराणाओं ने बनाया और संशोधित किया है, और इसलिए इसमें विविध स्थापत्य शैलियों का संगम देखा जा सकता है।

किले के अंदर विभिन्न महल, मंदिर, सड़कें, सभ्यता संग्रहालय, और धार्मिक स्थल स्थित हैं। सुरज मंदिर, सास-बहू मंदिर, तेली का मंदिर, मान मंदिर, गुरुद्वारा डाटीया साहेब, राजमहल, राजविलास महल, जैहांगीर महल, गुफाएँ, और जैन मंदिर इसे देखने लायक स्थान हैं।

ग्वालियर किले से प्राचीनतम गायत्री मंत्र की लिपि भी पाई गई है, जिसे ग्वालियर लिपि के नाम से जाना जाता है।

ग्वालियर किला एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में अपनी महत्ता और सुंदरता के लिए जाना जाता है, और इसे देखने के लिए दर्शकों को आकर्षित करता है।

2.जय विलास पैलेस । Jai Vilas Palace

जय विलास पैलेस (Jai Vilas Palace) ग्वालियर, मध्य प्रदेश, भारत में स्थित एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल है। यह पैलेस सिंधिया राजवंश के आवास के रूप में बनाया गया था और इसे इंग्लैंडी विक्टोरिया और अल्बर्ट म्यूज़ियम के नाम से भी जाना जाता है।

यह पैलेस ब्रिटिश राजकीय वास्तुकला का उदाहरण है और इसमें अंग्रेजी और शासकीय शैली का मिश्रण दिखाई देता है। इसकी निर्माण शासक जयाजीराव सिंधिया द्वारा 19वीं सदी में किया गया था।

जय विलास पैलेस में विभिन्न अंगण, सभागार, और कक्ष स्थित हैं, जो महाराजा के आदान-प्रदान के लिए उपयोग होते थे। यहाँ आप एक विशाल खाने का हॉल, भव्य सोने और चांदी के मोरियों द्वारा सजी हुई दीवारें, महल की विभिन्न कक्षें, शानदार चंडेलियर्स, शॉपिंग कमरे, एक पुस्तकालय, और विभिन्न कला और वास्तुकला की दृश्य प्रदर्शनी आदि देख सकते हैं।

इसके अलावा, जय विलास पैलेस में विख्यात शस्त्रागार और कारख़ाना भी है, जहां आप महाराजा के रथ, हथियार और अन्य प्रतिष्ठित आइटम देख सकते हैं।

इसके अतिरिक्त, पैलेस के आवासीय भाग में स्वतंत्र भारत के समय से भी अवशेष प्रदर्शित हैं, जहां आप महाराजा के निजी कक्षों, शस्त्रागार, सिंधिया राजवंश के महत्वपूर्ण कार्यालयों, और उनके व्यक्तिगत सामग्री का एक अद्वितीय संग्रह देख सकते हैं।

जय विलास पैलेस ग्वालियर का एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल है, जो आपको भारतीय राजस्थानी संस्कृति और भव्यता का एक अद्वितीय अनुभव प्रदान करता है।

3.सारस्वती टांक ग्वालियर । Saraswati Tank Gwalior

सारस्वती टांक ग्वालियर का एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल है और इसे स्थानीय और विदेशी पर्यटकों द्वारा बहुत पसंद किया जाता है। इसकी सुंदरता, ऐतिहासिक महत्व, और सांस्कृतिक महत्व के कारण यह एक प्रमुख आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।

सारस्वती टांक (Saraswati Tank) ग्वालियर शहर में स्थित एक प्रमुख पर्यटन स्थल है। यह एक प्राचीन कुआं या सारस्वती कूप है जो सरस्वती नदी की एक उपनदी के नाम पर रखा गया है। सारस्वती टांक को संशोधित किया गया है और इसे एक प्रमुख आकर्षण के रूप में उच्चरण किया जाता है।

सारस्वती टांक को चारों ओर से पत्थरों की दीवारों से घिरा हुआ है और इसमें सुंदर अर्कितेक्चरल विशेषताएं हैं। इसका निर्माण पुरातात्विक शैली में किया गया है और इसे शानदार संग्रहालय के रूप में उपयोग किया जाता है।

सारस्वती टांक के पास स्थित संग्रहालय में आप पुरातात्विक वस्तुओं, मूर्तियों, और चित्रों की प्रदर्शनी देख सकते हैं। यहाँ आपको पुराने सिक्के, आकर्षक पत्थर की मूर्तियाँ, पुरातात्विक गहने, और विभिन्न कला वस्तुएं देखने का अवसर मिलता है।

4.सास बहू मंदिर। Saas Bahu Mandir

सास बहू मंदिर भारत के मध्य प्रदेश राज्य के ग्वालियर शहर में स्थित है। यह एक प्रमुख पर्यटन स्थल है और ग्वालियर के इतिहास, संस्कृति और स्थानीय विरासत का प्रतीक माना जाता है।

सास बहू मंदिर का नाम वास्तव में “सास बहू” शब्दों से नहीं आया है, बल्कि इसका असली नाम देवी जगदम्बा मंदिर है। यह मंदिर 9वीं या 11वीं शताब्दी में निर्मित किया गया था और इसे कार्ली स्थापत्य शैली में बनाया गया है।

सास बहू मंदिर का निर्माण स्थानीय साम्राज्यों में महिला सशक्तिकरण को प्रतिष्ठित करने के उद्देश्य से किया गया था। यह दो मंदिरों का समन्वय है, जिन्हें उत्तरी मंदिर (सास मंदिर) और दक्षिणी मंदिर (बहू मंदिर) के नाम से जाना जाता है।

इन दो मंदिरों में से उत्तरी मंदिर (सास मंदिर) को छोटा मंदिर के रूप में जाना जाता है जो विशेष रूप से देवी सीता को समर्पित है। दक्षिणी मंदिर (बहू मंदिर) बड़ा है और इसे लक्ष्मी देवी को समर्पित किया गया है।

इन मंदिरों का वास्तुकला और शिल्पकला काफी सुंदर है। मंदिरों की दीवारों पर भव्य संगठनों, अद्भुत दरवाजों, और विशेषतः छतों पर आकर्षक कलात्मक काम देखा जा सकता है। इन मंदिरों में शिल्पकला की अद्वितीय एकता और गजब की नक्काशी इसे एक आदर्श वास्तुकला का उदाहरण बनाती है।

सास बहू मंदिर ग्वालियर के पर्यटन स्थलों में से एक है और यहां पर्यटकों को स्थानीय विरासत, ऐतिहासिक महत्व और सुंदरता का आनंद लेने का अवसर मिलता है।

5. जैन मंदिर। Jain Temple Gwalior

ग्वालियर में कई प्रसिद्ध जैन मंदिर स्थित हैं। यहां प्रमुख जैन मंदिरों में से कुछ निम्नलिखित हैं:

  1. जैनतीर्थ: यह मंदिर ग्वालियर के उच्च कोट पर स्थित है और यह ग्वालियर का सबसे प्रसिद्ध जैन मंदिर है। इस मंदिर में भगवान आदिनाथ की मूर्ति स्थापित है और यहां पर जैन संप्रदाय के पुजारियों द्वारा पूजा-अर्चना की जाती है।
  2. सिद्धाचल मंदिर: यह मंदिर ग्वालियर के पश्चिमी हिस्से में स्थित है। इस मंदिर में भगवान पर्श्वनाथ की मूर्ति स्थापित है और यह जैन समुदाय के लोगों के लिए महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है।
  3. तेलकुंड मंदिर: यह मंदिर ग्वालियर के उत्तरी हिस्से में स्थित है। इस मंदिर में तेलकुंड के नाम से प्रसिद्ध श्वेताम्बर जैन मुनिराजों की जलस्थली है। यहां पर भगवान शांतिनाथ की प्रतिमा और जैन तीर्थंकरों की अन्य मूर्तियाँ स्थापित हैं।

इन मंदिरों को स्थानीय और बाहरी पर्यटकों द्वारा दर्शन किया जा सकता है और यहां जैन संप्रदाय के लोग अपने धार्मिक कार्यों को संपन्न करते हैं।

6.चंदेल की गुफाएँ । Chandel Caves

चंदेल की गुफाएं भारत के मध्य प्रदेश राज्य के खजुराहो शहर में स्थित हैं। ये गुफाएं चंदेल वंश के सम्राटों द्वारा 10वीं और 11वीं शताब्दी के बीच निर्मित की गई थीं। खजुराहो के चंदेल के मंदिरों की गुफाओं का समूह विश्व धरोहर स्थलों की सूची में शामिल है।

चंदेल की गुफाएं अपूर्व स्थापत्यकला के उत्कृष्ट उदाहरण हैं। ये गुफाएं मुख्य रूप से त्रिकुटगर्भ मंदिरों को आवरण करती हैं और उनकी दीवारों पर विविधता से घटित कलाकृतियाँ उभरती हैं। इन गुफाओं के दीवारों पर भारतीय संस्कृति, शिल्पकला और नारी समर्पित काम देखा जा सकता है। यहां पर चंदेल कला के महानतम उदाहरणों में से कुछ हैं:

  1. कुंड संचारी गुफा: यह खजुराहो की सबसे प्रसिद्ध गुफा है और इसे नगरगर्भ मंदिर का भी कहा जाता है। इस गुफा की मुख्यता इसमें स्थित वामन और विष्णु की मूर्तियों में है।
  2. दुर्ग गुफा: यह गुफा दिगंबर जैन धर्म के अभिनव आद्यात्मिक केंद्रों में से एक है। इस गुफा में महावीर भगवान की मूर्ति स्थापित है और यह जैन संप्रदाय के अनुयायों के लिए महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है।
  3. विश्वनाथ गुफा: यह गुफा शिवलिंग को समर्पित है और इसे भगवान शिव के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक माना जाता है।

चंदेल की गुफाएं खजुराहो में विराजमान मंदिरों के संगठन का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं और इन्हें देखकर पर्यटकों को भारतीय संस्कृति और स्थापत्यकला का अद्वितीय अनुभव मिलता है।

7.तेली का मंदिर। Teli Ka Mandir

तेली का मंदिर भारत, मध्य प्रदेश, ग्वालियर में स्थित है। यह मंदिर ग्वालियर के मशूर खजुराहो मंदिर के कम चर्चित होने के बावजूद एक प्रमुख पर्यटन स्थल है।

तेली का मंदिर, ग्वालियर के शासकों द्वारा 9वीं और 10वीं शताब्दी में निर्मित किया गया है। यह मंदिर तेली नामक एक स्थानीय व्यापारी समुदाय के द्वारा बनवाया गया था, जिन्हें ‘तेली’ कहा जाता है। मंदिर का नाम इसी समुदाय के नाम पर रखा गया है।

तेली का मंदिर का वास्तुकला एक मिश्रणीय शैली में है, जिसमें हिंदू, जैन और इस्लामी कला के प्रमुख प्रभाव दिखाई देते हैं। यह मंदिर चतुर्भुज शिल्पाकृति का निर्माण है और उच्च गोपुरमालाओं और छत्रों से भरी हुई है। मंदिर की मुख्य दीवारों पर भारतीय कला के अद्वितीय नक्काशी देखी जा सकती है।

तेली का मंदिर विशेष रूप से विष्णु भगवान को समर्पित है। मंदिर के अंदर विष्णु की विभिन्न मूर्तियाँ स्थापित हैं। इसके अलावा, मंदिर में दूसरी देवी-देवताओं की मूर्तियाँ भी हैं।

तेली का मंदिर अपनी ऐतिहासिक महत्ता, कार्यमान्यता और वास्तुकला के लिए प्रसिद्ध है। यह ग्वालियर में पर्यटकों के आकर्षण का एक महत्वपूर्ण स्थान है और इसे दर्शने के लिए लोग यहां आते हैं।

8.गुरुद्वारा डाटीया साहेब । Gurdwara Datia Saheb

गुरुद्वारा डाटीया साहेब, मध्य प्रदेश, ग्वालियर में स्थित है। यह गुरुद्वारा सिख समुदाय का प्रमुख धार्मिक स्थल है और ग्वालियर के पर्यटन स्थलों में से एक है। गुरुद्वारा डाटीया साहेब का निर्माण सिख गुरु गोविंद सिंह जी की स्मृति में किया गया है। यह गुरुद्वारा सिख संप्रदाय के अनुयायों के लिए महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है और उनकी आध्यात्मिक जरूरतों को पूरा करता है।

गुरुद्वारा डाटीया साहेब का संगठन एक आधुनिक और आकर्षक ढांचे में है। इसकी सजावट में नानकशाही स्टाइल का भव्य और शानदार सुन्दरता दिखाई देती है। गुरुद्वारा के प्रवेश द्वार पर निशान साहेब और निशान साहेब की ऊँची खुदाई है, जो सिखों के अद्वितीय चिन्ह हैं।

गुरुद्वारा में सिखों के धार्मिक कार्यक्रम होते हैं, जिनमें सिख धर्म के बारे में संगीत, कथा-कीर्तन, और गुरुवाचन शामिल होते हैं। यहां पर्यटक और साधारण लोग स्नान और पंज प्यारे की पूजा करते हैं और गुरु की आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।

गुरुद्वारा डाटीया साहेब एक आध्यात्मिक स्थल है जहां सिख समुदाय के लोग आते हैं और अपने धार्मिक कार्यों को संपन्न करते हैं। यहां अन्य लोग भी गुरुद्वारा की शांति और सकारात्मक वातावरण का आनंद लेते हैं।

9.गोपाल मंदिर। Gopal Mandir

गोपाल मंदिर, मध्य प्रदेश, ग्वालियर में स्थित है। यह मंदिर ग्वालियर के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है और भक्तों के बीच प्रसिद्ध है। गोपाल मंदिर चतुर्भुज शिल्पाकृति का निर्माण है और इसे 15वीं सदी में बनाया गया था। यह मंदिर विष्णु भगवान, वासुदेव और गोपाल को समर्पित है।

मंदिर की सुंदर आर्किटेक्चरल और वास्तुकला को देखकर आदर्शवादी भव्यता की अनुभूति होती है। मंदिर के भव्य शिखर, छत्र, और पत्थर की कलात्मक कटिंग इसे एक आकर्षक स्थल बनाती हैं। मंदिर के अंदर गोपाल भगवान की मूर्ति स्थापित है, जो भक्तों के आकर्षण का केंद्र है। यहां पर्यटक और श्रद्धालु भक्त धार्मिक कार्यक्रमों में शामिल होते हैं और आराधना और पूजा करते हैं।

गोपाल मंदिर ग्वालियर के पर्यटन स्थलों में से एक है और भारतीय संस्कृति, वास्तुकला, और आध्यात्मिकता के प्रतीक के रूप में महत्वपूर्ण है।

10.जिवाजी राव जयवंत सिंधिया संग्रहालय । Jivaji Rao Jaywant Scindia Museum

जिवाजी राव जयवंत सिंधिया संग्रहालय, जो ग्वालियर में स्थित है, एक प्रमुख संग्रहालय है जो कला, संगठन और ऐतिहासिक आदि के क्षेत्र में महत्वपूर्ण है। यह संग्रहालय ग्वालियर के महाराजा जयवंत राव के निजी संग्रह का आधार बनाता है।

इस संग्रहालय में विभिन्न कला वस्तुओं, प्राचीन मूर्तियों, पेंटिंग्स, प्रतिमाएं और अन्य ऐतिहासिक और कलात्मक आइटम देखने को मिलती हैं। इसके अलावा, यहां आधुनिक कला की भी विशाल संग्रह है। संग्रहालय में कई गैलरी हैं जहां पर्यटक और आदर्शवादी कला प्रेमी कला का आनंद ले सकते हैं।

जिवाजी राव जयवंत सिंधिया संग्रहालय महाराजा जयवंत राव के आदर्शवादी संग्रह की गरिमामयी विस्तार करता है और उनकी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर को दर्शाता है। यहां आने वाले पर्यटकों को एक शानदार और समृद्ध धार्मिक और सांस्कृतिक अनुभव प्रदान किया जाता है।

11.मानसिंगर गाँव । Mansingar Village

मानसिंगर गाँव, जो ग्वालियर, मध्य प्रदेश, भारत में स्थित है, एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। यह गाँव प्राचीनतम आबादी वाले गाँवों में से एक माना जाता है और ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और प्राकृतिक महत्व के कारण लोगों के बीच लोकप्रिय है।

मानसिंगर गाँव में मुख्य रूप से दो प्रमुख धार्मिक स्थल हैं – एक है मानसिंगर देवी मंदिर और दूसरा है मानसिंगर जैन मंदिर। मानसिंगर देवी मंदिर भगवती मानसिंगर देवी को समर्पित है और यहां श्रद्धालु भक्त आते हैं और पूजा-अर्चना करते हैं। मानसिंगर जैन मंदिर जैन समुदाय के लोगों का प्रमुख आध्यात्मिक स्थल है और यहां जैन तीर्थंकर भगवान के मूर्तियां स्थापित हैं।

इसके अलावा, मानसिंगर गाँव में प्राकृतिक सौंदर्य भी है। यहां प्राकृतिक प्रशान्ति और हरियाली का आनंद लिया जा सकता है। गाँव के चारों ओर सुंदर पहाड़ी और आदिवासी ग्रामों के दृश्य मानसिंगर को आकर्षक बनाते हैं।

मानसिंगर गाँव ग्वालियर का एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल है, जो प्राचीनतम धार्मिक स्थलों और प्राकृतिक सौंदर्य के प्रेमियों के बीच लोकप्रिय है।

ग्वालियर का इतिहास | History of Gwalior?

ग्वालियर का इतिहास 10वीं शताब्दी ईस्वी पूर्व का है, जब यह तोमर राजपूतों की राजधानी थी। 12वीं शताब्दी ईस्वी में, ग्वालियर पर दिल्ली सल्तनत के शासक कुतुबुद्दीन ऐबक ने कब्जा कर लिया था। बाद में यह मुगल साम्राज्य का हिस्सा बन गया।

ग्वालियर कहाँ है? | कैसे जाएं | बेस्ट टाइम

मुगल शासन के दौरान, ग्वालियर कला और संस्कृति का एक महत्वपूर्ण केंद्र था। सम्राट बाबर ने ग्वालियर किले में एक सुंदर महल बनवाया। बादशाह शाहजहाँ ने ग्वालियर में एक शानदार मकबरा बनवाया, जिसे ताज महल की बहन के नाम से भी जाना जाता है।

18वीं शताब्दी में ग्वालियर मराठा साम्राज्य के अधीन आ गया। 1817 में ग्वालियर पर अंग्रेजों ने कब्ज़ा कर लिया।

ब्रिटिश शासन के दौरान, ग्वालियर एक महत्वपूर्ण सैन्य छावनी बन गया। इसने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

1947 में भारत को अंग्रेजों से आजादी मिली। ग्वालियर नवगठित भारतीय राज्य मध्य प्रदेश का हिस्सा बन गया।

यहां ग्वालियर के इतिहास की कुछ महत्वपूर्ण घटनाओं की समयरेखा दी गई है –

  • 10वीं शताब्दी ई. – ग्वालियर तोमर राजपूतों की राजधानी बनी।
  • 12वीं शताब्दी ई. – दिल्ली सल्तनत के शासक कुतुबुद्दीन ऐबक ने ग्वालियर पर कब्ज़ा कर लिया।
  • 13वीं शताब्दी ई. – ग्वालियर मुगल साम्राज्य का हिस्सा बन गया।
  • 16वीं शताब्दी ई. – सम्राट बाबर ने ग्वालियर किले में एक सुंदर महल बनवाया।
  • 17वीं शताब्दी ई. – सम्राट शाहजहाँ ने ग्वालियर में एक भव्य मकबरा बनवाया।
  • 18वीं शताब्दी ई. – ग्वालियर मराठा साम्राज्य के अधीन आता है।
  • 1817 – ग्वालियर पर अंग्रेजों ने कब्ज़ा कर लिया।
  • 1947 – भारत को अंग्रेजों से आजादी मिली। ग्वालियर नवगठित भारतीय राज्य मध्य प्रदेश का हिस्सा बन गया।

ग्वालियर का इतिहास समृद्ध और विविध है। सदियों से इस पर विभिन्न राजवंशों और संस्कृतियों का शासन रहा है। इसने शहर की वास्तुकला, संस्कृति और भोजन पर स्थायी प्रभाव छोड़ा है।

ग्वालियर की ऊंचाई और तापमान?

ग्वालियर समुद्र तल से 197 मीटर (646 फीट) की ऊंचाई पर स्थित है और तापमान –

MonthAverage High (°C)Average Low (°C)
January239
February2712
March3317
April3822
May4126
June3928
July3426
August3225
September3324
October3320
November2914
December249
ग्वालियर का तापमान

ग्वालियर कैसे जाएं? | How to reach Gwalior?

भारत के ग्वालियर तक पहुँचने के लिए, आपके पास आपके शुरुआती बिंदु और प्राथमिकताओं के आधार पर कई परिवहन विकल्प हैं। ग्वालियर मध्य प्रदेश राज्य में स्थित एक शहर है, और इसका अपना हवाई अड्डा, रेलवे स्टेशन और सड़क संपर्क है। यहां बताया गया है कि आप ग्वालियर कैसे पहुंच सकते हैं –

हवाई जहाज से –

  • ग्वालियर हवाई अड्डा (राजमाता विजया राजे सिंधिया एयर टर्मिनल) शहर का निकटतम हवाई अड्डा है।
  • आप दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और अन्य प्रमुख भारतीय शहरों से ग्वालियर के लिए उड़ान बुक कर सकते हैं।
  • हवाई अड्डे पर पहुंचने के बाद, आप शहर के भीतर अपने गंतव्य तक पहुंचने के लिए टैक्सी किराए पर ले सकते हैं या बस ले सकते हैं।

ट्रेन से –

  • ग्वालियर में एक अच्छी तरह से जुड़ा हुआ रेलवे स्टेशन है जिसे **ग्वालियर जंक्शन रेलवे स्टेशन** के नाम से जाना जाता है।
  • आप भारतीय रेलवे की आधिकारिक वेबसाइट या स्थानीय रेलवे स्टेशन पर ट्रेन का शेड्यूल देख सकते हैं और टिकट बुक कर सकते हैं।
  • ग्वालियर भारत के कई प्रमुख शहरों से ट्रेन द्वारा जुड़ा हुआ है, जिनमें दिल्ली, मुंबई, आगरा, जयपुर और अन्य शामिल हैं।

सड़क द्वारा –

  • ग्वालियर मध्य प्रदेश और पड़ोसी राज्यों के विभिन्न शहरों से सड़क मार्ग द्वारा अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।
  • अगर आपके पास अपना वाहन है तो आप ग्वालियर जा सकते हैं। NH 44 और NH 75 जैसे प्रमुख राजमार्ग ग्वालियर से होकर गुजरते हैं।
  • वैकल्पिक रूप से, आप नजदीकी शहरों से ग्वालियर पहुंचने के लिए टैक्सी किराए पर ले सकते हैं या लंबी दूरी की बस सेवाओं का उपयोग कर सकते हैं। राज्य और निजी बस ऑपरेटर विभिन्न स्थानों से ग्वालियर के लिए सेवाएँ चलाते हैं।

बस से –

  • ग्वालियर में एक बस स्टैंड है जिसे सरवटे बस स्टैंड के नाम से जाना जाता है जहां आप इंटरसिटी और अंतरराज्यीय बस सेवाएं पा सकते हैं।
  • ग्वालियर पहुंचने के लिए आप आगरा, दिल्ली, जयपुर और भोपाल जैसे आसपास के शहरों से बस टिकट बुक कर सकते हैं।

ग्वालियर की दूरी अन्य स्थानों से | Distance from Gwalior to Other Places

  1. ग्वालियर से दिल्ली – 363 km
  2. ग्वालियर से आगरा – 119 km
  3. ग्वालियर से जयपुर – 350 km
  4. ग्वालियर से भोपाल – 355 km
  5. ग्वालियर से इंदौर – 497 km
  6. ग्वालियर से वराणसी – 656 km
  7. ग्वालियर से उदयपुर – 616 km
  8. ग्वालियर से लखनऊ – 337 km
  9. ग्वालियर से अमृतसर – 722 km
  10. ग्वालियर से चंडीगढ़ – 599 km

ग्वालियर के आस-पास प्रमुख पर्यटन स्थल? | Major Tourist Attractions Around Gwalior

  1. ग्वालियर फोर्ट
  2. जय विलास महल
  3. गुजरी महल और संग्रहालय
  4. टिगोर उद्यान
  5. जैन मंदिरों की गुफाएँ
  6. टेली का मंदिर
  7. शहडोल
  8. बाजीराव की चात्री
  9. सुनारी ऊद्यान
  10. श्याम वृंदावन

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