नमस्कार दोस्तों, क्या आप हरिद्वार से ऋषिकेश तक की यात्रा करना चाहते हैं, अगर आप यात्रा करना चाहते हैं तो हमारे इस लेख को आप पूरा जरूर पढ़िए। क्योंकि हमने आपके लिए आपकी यात्रा सुखद हो इसके लिए हमने बहुत सारी जानकारियां देने का प्रयास किया है।
हमारे द्वारा दी गई यह जानकारी हमने खुद की यात्रा के अनुभव के आधार पर और इंटरनेट से जुड़ी कुछ जानकारियों और अन्य लोगों के यात्रा के अनुभव के आधार पर ली है उम्मीद करता हूं आपको हमारी द्वारा दी गई जानकारी अच्छी लगेगी तो चलिए आगे बढ़ते हैं।
हरिद्वार से ऋषिकेश की यात्रा से जुड़ी जानकारियां?
आपको हमने हरिद्वार से ऋषिकेश की यात्रा से जुड़े कुछ जानकारियां जिनका उल्लेख हमने नीचे परग्राफ में देने का प्रयास किया हैं आप इस जानकारी को स्टेप बाय स्टेप पढ़ सकते हैं। ऋषिकेश हरिद्वार से 25 किलोमीटर (Km) की दूरी पर है, जिसे पूरे एक दिन में घूमा जा सकता है। वैसे तो यहां काफी दर्शनीय स्थल (Scenic Spots) देखने लायक है। जैसे- हरिद्वार का मंसादेवी-माया देवी का मंदिर, गुरुकुल कांगडी विश्वविद्यालय, चंडी देवी का मंदिर, सप्तऋषि आश्रम, दक्ष प्रजापति का मंदिर, भीमगोड़ा तालाब, भारत माता मंदिर आदि।
हरिद्वार से ऋषिकेश की दूरी कितनी है?
हरिद्वार से ऋषिकेश की दूरी लगभग 25 किलोमीटर की है।
हरिद्वार से ऋषिकेश की यात्रा में कितना समय लगता है?
हरिद्वार से ऋषिकेश तक की यात्रा में आप तो कम से कम 40 मिनट से लेकर 1 घंटा तक समय लग सकता है और यह निर्भर करेगा कि वहां पर ट्रैफिक कितना है और सड़क कैसी है और मौसम कैसा है इन चीजों पर निर्भर करेगा।
हरिद्वार से ऋषिकेश का किराया कितना है?
दोस्तों अगर आप किसी शेयर ऑटो, या टैक्सी से जाते हैं तो आपको लगभग Rs. 60 से लेकर Rs. 100 तक का किराया देना पड़ सकता है और अगर आप बस से सफर करते हैं तो आपको Rs. 50 तक का किराया लगेगा।
आपको में यह बता दू की किराया पहले की तुलना में बढ़ चुका होगा तो आप इससे Rs. 25 प्रतिशत किराया बड़ा के मान सकते है।
हरिद्वार से ऋषिकेश जाने के कौन-कौन से रास्ते है?
हरिद्वार से ऋषिकेश जाने के लिए, आप बाइक, कार, बस या ट्रेन को माध्यम बना सकते हैं। आप बस, कार, बाइक से जाओगे तो आपको NH 34 रोड को फॉलो करना पड़ेगा और ट्रेन (Train) से जाने पर आपको ट्रेन की भी सुविधा मिल जाएगी। यदि आप पैदल जाने का विचार कर रहे हो तो आपको पैदल जाने पर लगभग समय 4 घंटे जाने में लग जाएंगे और पैदल यात्री के लिए दूरी 20 किमी ही पड़ेगी।
हरिद्वार का इतिहास
हरिद्वार का ऐतिहासिक महत्व वेदों में उल्लिखित है, जिनमें इसे ‘मोक्ष का प्रदेश’ कहा गया है। महाभारत के अनुसार, यही वह स्थान है जहाँ भगवान विष्णु ने अपने अवतार की शुरुआत की थी। इसके बाद इस स्थान को ‘हरिद्वार’ कहा गया और यह धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियों का महत्वपूर्ण केंद्र बन गया।

हरिद्वार कहाँ स्थित है?
हरिद्वार उत्तराखंड राज्य, भारत में स्थित है। यह दिल्ली से लगभग 220 किलोमीटर दूर है और राजमार्ग और रेलमार्ग द्वारा सुलभता से पहुंचा जा सकता है।
हरिद्वार 12 महीने का तापमान
महीना | उच्चतम तापमान (°सेल्सियस) | न्यूनतम तापमान (°सेल्सियस) |
---|---|---|
जनवरी | 22 | 6 |
फरवरी | 26 | 8 |
मार्च | 32 | 12 |
अप्रैल | 38 | 17 |
मई | 40 | 21 |
जून | 38 | 23 |
जुलाई | 34 | 24 |
अगस्त | 33 | 24 |
सितंबर | 33 | 23 |
अक्टूबर | 32 | 18 |
नवंबर | 28 | 13 |
दिसंबर | 23 | 8 |
ऋषिकेश के बारे में कुछ जानकारी?
प्रचलित जानकारियों के अनुसार जब रैभ्य ऋषि ने कठोर तपस्या की, तो भगवान “ऋषिकेश” के रूप में प्रकट हुए और इसलिए इस क्षेत्र को ऋषिकेश के रूप में जाना जाने लगा। ऋषिकेश एक बहुत ही अच्छा और सुंदर शहर है, जिसे योग नगरी के नाम से भी जाना जाता है इसी केस में बहुत सारे योगा स्कूल्स आदि भी हैं।
और साथ-साथ ऋषिकेश अपने में बहुत सारी चीजे के लिए बहुत विख्यात है जैसे की राफ्टिंग, त्रिवेणी घाट पर गंगा आरती, लक्ष्मण झूला की यात्रा, हॉट एयर बैलूनिंग, क्लिफ जंपिंग, कयाकिंग, कैंपिंग, फ्लाइंग फॉक्स, जाइंट स्विंग, बंजी जंपिंग, शिवपुरी की यात्रा, राम झूला की यात्रा आदि इसके आलावा भी कई अधिक सारी चीजे हे जो ऋषिकेश को एक प्रसिद्ध और सुन्दर शहर बनती है।
ऋषिकेश का इतिहास
ऋषिकेश का इतिहास महाभारत काल में तक जाता है, जब ऋषि राजा भरत के बादशाह श्रीराम ने यहाँ आश्रम स्थापित किया था। ऋषिकेश का नाम ‘ऋषि’ और ‘केश’ शब्दों से मिलकर बना है, जिसका अर्थ होता है ‘ऋषियों की छाया’। यहाँ के आध्यात्मिक और धार्मिक महत्व के कारण यह स्थल विभिन्न संतों, योगियों और आध्यात्मिक गुरुओं के लिए एक महत्वपूर्ण स्थान बन गया है।

ऋषिकेश कहाँ स्थित है?
ऋषिकेश उत्तराखंड राज्य, भारत में स्थित है। यह देहरादून जिले में स्थित है और देहरादून से लगभग 20 किलोमीटर की दूरी पर है।
ऋषिकेश में यात्रा का सबसे अच्छा समय
ऋषिकेश की यात्रा का सबसे अच्छा समय सितंबर से नवंबर तक होता है, क्योंकि इस समय मौसम शानदार और प्रिय होता है। गर्मियों में भी यहाँ आध्यात्मिक और योग संबंधित कार्यक्रम होते हैं, लेकिन तापमान अधिक होने के कारण सुनहरी यात्रा करने की सिफारिश नहीं की जाती है।
ऋषिकेश 12 महीने का तापमान
महीना | उच्चतम तापमान (°सेल्सियस) | न्यूनतम तापमान (°सेल्सियस) |
---|---|---|
जनवरी | 19 | 6 |
फरवरी | 22 | 8 |
मार्च | 28 | 12 |
अप्रैल | 33 | 16 |
मई | 36 | 20 |
जून | 33 | 22 |
जुलाई | 30 | 24 |
अगस्त | 29 | 24 |
सितंबर | 29 | 21 |
अक्टूबर | 28 | 16 |
नवंबर | 24 | 11 |
दिसंबर | 20 | 7 |
हरिद्वार से ऋषिकेश कैसे पहुचें?
हरिद्वार से ऋषिकेश पहुंचना बहुत आसान है यहां पर आपको बहुत सारे साधन मौजूद है। जिसकी मदद से आप आराम से ऋषिकेश तक पहुंच सकते हैं जिनकी जानकारी मैंने आपको नीचे दी है।
हरिद्वार से ऋषिकेश बस के माध्यम से पहुचें?
दोस्तों अगर आप बस के माध्यम से हरिद्वार से ऋषिकेश तक जाना चाहते हैं तो आपको बहुत सारी बसें उपलब्ध हो जाएंगी तो इसके लिए आपको सबसे पहले हरिद्वार बस स्टेशन पर जाना पड़ेगा जो की नजदीकी रेलवे स्टेशन के पास ही है वहां से आपको ऋषिकेश की बस पकड़नी पड़ेगी और फिर आप आराम से ऋषिकेश तक पहुंच सकते हैं ।
हरिद्वार से ऋषिकेश टैक्सी / ऑटो के माध्यम से पहुचें?
दोस्तों अगर आप शेयर टैक्सी या ऑटो के माध्यम से हरिद्वार से ऋषिकेश तक जाना चाहते हैं । तो सबसे पहले आप बस स्टेशन के बाहर या आपको नजदीकी मार्केट में बहुत सारे टैक्सी वाले या ऑटो वाले मिल जाएंगे। तो आप वहां से किसी ऑटो में बैठ कर ऋषिकेश तक आराम से जा सकते हैं और जिसमें आपका लगभग Rs. 60 से Rs. 100 तक का खर्चा आएगा और अगर आप बुक करके ले जाते हैं तो आपको कम से कम Rs. 200 से Rs. 400 तक का खर्चा आ सकता है।
हरिद्वार से ऋषिकेश ट्रेन के माध्यम से पहुचें?
हरिद्वार से ट्रेन के माध्यम से ऋषिकेश तक पहुंचने के लिए आपको हरिद्वार रेलवे स्टेशन पर जाना पड़ेगा फिर वहां से आपको ऋषिकेश के लिए ट्रेन मिल जाएगी आप वहां से आराम से ऋषिकेश तक आ सकते हैं।
ऋषिकेश में कितने मंदिर हैं?
- नीलकंठ मंदिर
- शांतिकुंज
- दक्ष मंदिर
- हनुमान मंदिर
- राम मंदिर
- लक्ष्मण मंदिर
- गौरीशंकर मंदिर
- केदारनाथ मंदिर
- बद्रीनाथ मंदिर
हरिद्वार में कितने घाट हैं?
हरिद्वार में 12 घाट हैं, जिनमें त्रिवेणी घाट, हर की पौड़ी, मायापुरी और कुंभ मेला स्थल शामिल हैं।