नमस्कार दोस्तों, आज में आपको उत्तराखंड के एक सुंदर से शहर नैनीताल के बारे में बताऊंगा आपको किस प्रकार नैनीताल पहुंचना है? नैनीताल पहुंचने के बाद यहां पर रहने और खाने की क्या व्यवस्था रहेगी? नैनीताल में आपको कहां-कहां घूमना है? और घूमने के लिए वहां पर क्या साधन मिलेंगे और साथ ही साथ यह भी बताएंगे कि आपका नैनीताल ट्रिप में कितना खर्चा आ जाएगा। तो इस लेख को आप ध्यान से पढ़िए आइए जानते हैं।
नैनीताल कहाँ है? | Where is Nainital?
नैनीताल उत्तराखंड के नैनीताल जिले में स्थित है। यह देहरादून से लगभग 290 किमी और दिल्ली से लगभग 360 किमी दूर है। नैनीताल कुमाऊँ पहाड़ों की तलहटी में स्थित है और समुद्र तल से 1,938 मीटर की ऊँचाई पर है।
नैनीताल नाम क्यों पड़ा ?
नैनीताल का पौराणिक महत्त्व है। जब भगवान् व्रिष्णु के सुदर्शन चक्र से देवी सती के 51 खंड हुए थे और जहा -जहाँ उनके धड़ गिरे वहां-वहां शक्ति पीठ अस्तित्व में आया। उन्ही में से एक नैना देवी है यहाँ पर देवी की आंख गिरी थी जिसकी बजह से इसे नैनताल कहा गया बाद में इसका नाम बदलकर नैनीताल कर दिया गया ।
नैनीताल जाने का सबसे अच्छा समय | Best Time to Travel in Nainital
अगर आप नैनीताल आना चाहते हैं तो सबसे अच्छा समय है नवंबर से जनवरी क्योंकि, इन दो-तीन महीनों में आपको यहां पर बर्फ भी देखने को मिल जाएगी जो कि आपको समर में देखने को नहीं मिलेगी। दोस्तों भीड़ तो यहां पर हमेशा ही रहती है क्योंकि यह एक बहुत ही प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है जहां पर काफी मात्रा में पर्यटक आते हैं। गर्मियों में भी यहां पर बहुत सारी पर्यटक घूमने के लिए आते हैं क्योंकि यहां पर मौसम ठंडा रहता है।
नैनीताल क्यों प्रसिद्ध है? | Why is Nainital Famous?
आपको नैनीताल में कहां-कहां घूमना है और वह कौन सी जगहें हैं जहां पर आपको जाना ही जाना है।
1. नैना देवी मंदिर –
सबसे पहले आपको जाना है नैना देवी मंदिर जो के मंदिर के ही नैनी झील के ही पास में है तो आप यहां पर जाइए और माता नैना देवी के दर्शन करिए आधे से पुणे घंटे में आपको यहां पर दर्शन हो जाएंगे। इसके बाद आप वहां से वापस आइए इसी मंदिर से 200 मीटर की दूरी पर एक सिंह सभा गुरुद्वारा भी है आप चाहे तो गुरुद्वारे में भी जाकर मत्था टेक सकते हैं गुरुद्वारे में जाने के बाद आपको वापस मंदिर में आना है और उसके बाद आपको वहां से नैनी लेक पहुंच जाना है।

फिर यहां पर आपको बहुत सारे बोट बोटिंग के लिए देखने को मिलेंगे इसके बाद आप बोटिंग का आनंद उठाइए जिसमें आपको पूरी नैनी झील का सुंदर नजारा देखने को मिलेगा तो अगर आप कपल हैं तो आप Rs. 200 में बोट कर सकते हैं और अगर आप 4 लोग हैं तो आप Rs. 400 में बोट कर सकते हैं। वोटिंग करने में आपको बहुत ही मजा आएगा। झील से आपको चारों तरफ नैनीताल का सुंदर नजारा देखने को मिलेगा तो आप जरूर जाइए और बोटिंग का आनंद जरूर उठाइए। नैनीताल झील की गहराई 27.3 मीटर है।
2. Cave Garden (Eco Cave Park) –
इस गार्डन में आपको बहुत सारी शंकरी गुफाएं देखने को मिलेंगी जो कि काफी संकरी हैं। अगर आप शरीर के मोटे ताजे हैं तो आप इन गुफाओं में प्रवेश नहीं कर सकते अगर कर भी लें तो आपको कहीं ना कहीं परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। लेकिन अगर आप पतले हैं तो ही आप इन गुफाओं में जाइए और इन को देखिए। इस गार्डन में 1 से 2 घंटे का समय आपको घूमने में लग जाएगा तो आप आराम से इन प्राचीन गुफाओं का आनंद लीजिए इसके बाद आपको आना है माल रोड।
3. माल रोड नैनीताल –
जहां पर आप शाम के समय भी आराम से घूम सकते हैं और यहां पर बहुत सारी शॉपिंग के लिए आपको दुकाने देखने को मिलेंगे जहां से आप जो मर्जी चाहे अपनी पसंद के हिसाब से शॉपिंग कर सकते हैं और शाम को यहां पर मौसम थोड़ा ज्यादा ठंडा रहता है तो आप यहां पर स्ट्रीट फूड का भी आनंद ले सकते हैं क्योंकि ठंडा होने की वजह से कहीं ना कहीं आप का मन जरूर कुछ ना कुछ खाने को जरूर करेगा तो आपको यहां पर बहुत सारा स्ट्रीट फूड भी मिल जाएगा तो आप इसका भी आनंद यहां पर लीजिए और जमकर माल रोड पर शॉपिंग कीजिए।
4. नैनीताल चिड़ियाघर (Nainital Zoo) –
यहां पर आपसे Rs. 100 प्रवेश शुल्क लिया जाएगा जिसके बाद आप अंदर एंट्री करेंगे यहां पर आपको ढेर सारे जंगली जानवर देखने को मिलेंगे तो आप यहां पर आराम से घूमिए और चिड़ियाघर की सैर का आनंद लीजिए।
5. Snow View Point –
यहां पर आप रोपवे के माध्यम से भी जा सकते हैं जिसमें आपको आने-जाने का Rs. 300 प्रति व्यक्ति का चार्ज होता है। यहां पहुंचने के बाद यहां पर आपको ढेर सारी एडवेंचर गतिविधियां करने को मिलेंगी। अगर आप एडवेंचर एक्टिविटी में इंटरेस्ट रखते हैं तो यहां पर आपको ढेर सारी एडवेंचरस गतिविधियां करने को मिल जाएंगी साथी ही आप यहां पर टॉय ट्रेन में भी बैठ सकते हैं उसका आनंद उठा सकते हैं।
रोपवे से आप नैनीताल का एक सुंदर नजारा देखने को भी आपको मिल जाएगा। इंटर सीजन में यहां पर आपको काफी सारी स्नो यानी की बर्फ देखने को भी मिल जाएगी और ऊंची ऊंची बर्फ से लदी पहाड़ियां भी देखने को मिल जाएंगी।
6. Himalayan Botanical Garden Nainital –
इस गार्डन में एंट्री फीस Rs. 50 है। 50 रुपये का आपको यहां पर पहले टिकट लेना पड़ेगा इसके बाद आप अंदर जाएंगे। यहां पर एक बहुत पुराना म्यूजियम है जिस म्यूजियम में आपको काफी पुरानी कुछ वस्तुएं, कुछ आर्ट्स, कुछ पेंटिंग्स देखने को मिलेंगी साथ ही साथ यहां पर एक बॉटनिकल गार्डन व्यू पॉइंट भी है जहां से नैनीताल का सुंदर नजारा देखने को मिलता है तो इस व्यू पॉइंट पर आप फोटो सूट भी करवा सकते हैं अगर आप वीडियोग्राफी करवाना चाहते हैं तो वह भी करवा सकते हैं तो यह तो रही नैनीताल से 3 से 4 किलोमीटर के दायरे में जो जगहें थी।
इसके अलावा अगर आप नैनीताल से दूर भी घूमना चाहते हैं सबसे पहले आता है भीमताल। यहां पर आप वोटिंग वगैरा कर सकते हैं। नैनीताल से भीमताल की दूरी 10 किलोमीटर है। इसके बाद आप कैंची धाम जा सकते हैं। नैनीताल शहर से करीब 20 किलोमीटर की दूरी पर कैंची धाम स्थित है। नीब करौरी महाराज ने इस मंदिर की स्थापना की थी।इसके बाद आप घंटेवाला मंदिर जा सकते हैं जो कि काफी प्रसिद्ध है जाते हैं। दोस्तों साथी ही साथ आप यहां से खुरपाताल भी जा सकते हैं।
अब आप सोचेंगे कि यहां पर आने जाने के लिए किस प्रकार साधन की व्यवस्था होगी? आप नैनीताल से लगे नजदीकी इलाकों में पैदल या लोकल गाड़ियों से भी जा सकते हैं। अगर आप नैनीताल से 10-15 किलोमीटर या आप उससे दूरी पर घूमने जा रहे हैं तो आपको जहां पर टैक्सी और बाइक रेंट पर मिल जाएगी। तो आप अपने बजट के हिसाब से टैक्सी कार या बाइक घूमने के लिए रेंट पर ले सकते हैं।
नैनीताल का इतिहास? | History of Nainital?
नैनीताल उत्तराखंड की सबसे खूबसूरत जगहों में से एक है। इसका उल्लेख स्कंदपुराण के ‘मानस खंड’ जैसे कई प्राचीन ग्रंथों में मिलता है। फिर मां सती की जली हुई आंख यहां गिरने से नैनी झील बनने की किंवदंती है, इसका नाम हिंदी शब्द नैना से लिया गया है जिसका अर्थ आंख है।

1815 में कुमाऊं और गढ़वाल क्षेत्रों पर अंग्रेजों का कब्जा हो गया। बाद में, ई गार्डिनर को 1815 में कुमाऊं मंडल का आयुक्त नियुक्त किया गया। कुमाऊं के दूसरे आयुक्त श्री जीडब्ल्यू ट्रेल, नैनीताल का दौरा करने वाले पहले यूरोपीय थे।
बाद में, वर्ष 1839 में एक ब्रिटिश व्यापारी श्री पी बैरन (एक चीनी व्यापारी) और उसका दोस्त, एक शौकीन शिकारी, शिकार करते समय पहाड़ियों में भटक गये। वे खो गए और इस प्रक्रिया में इस अद्भुत जगह को देखा।
बैरन इस जगह से इतना प्रभावित हुए कि उन्होंने चीनी का कारोबार छोड़ दिया और नैनी झील के किनारे एक यूरोपीय कॉलोनी बनाई। वर्ष 1841 में नैनीताल की खोज ‘इंग्लिशमैन कलकत्ता’ के एक अंक में छपी। कार्यालय धीरे-धीरे यहां स्थानांतरित होने लगे और निवासियों को बुनियादी सुविधाएं प्रदान करने के लिए 1850 में एक औपचारिक नैनीताल नगर निगम का गठन किया गया।
एक टाउनशिप के विकास को गति देने के लिए, सरकार ने नैनीताल में भूमि को अल्मोडा के समृद्ध साह समुदाय को इस शर्त पर पुनः आवंटित कर दिया कि वे भूमि पर केवल आवास का निर्माण करेंगे। 1862 में, नैनीताल आधिकारिक तौर पर उत्तर-पश्चिमी प्रांत की ‘ग्रीष्मकालीन सीट’ बन गया। इसके बाद विकास तीव्र गति से आगे बढ़ा। लोगों को शिक्षा प्रदान करने के लिए कई आवासीय विद्यालय और कॉलेज स्थापित किए गए।
भाग्य के एक बड़े उलटफेर में, 18 सितंबर 1880 को लगातार बारिश के कारण हुए भारी भूस्खलन से विक्टोरिया होटल बह गया। होटल के मलबे में दबकर करीब 151 लोगों की मौत हो गई थी. हालाँकि मदद के लिए सेना को बुलाया गया, लेकिन लोगों को बचाया नहीं जा सका। इस घटना के बाद पार्किंग के लिए क्षेत्र को समतल कर दिया गया।
नैनीताल कैसे पहुचें?
तो दोस्तों, अब हम सबसे पहले बात करेंगे कि नैनीताल कैसे पहुंचे तो नैनीताल पहुंचने की 3 तरीके हैं जोकि, पहला है ट्रेन दूसरा बाय रोड और तीसरा फ्लाइट से।
ट्रेन से नैनीताल कैसे पहुचें –
दोस्तों नैनीताल का सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन है काठगोदाम तो सबसे पहले अगर आप ट्रेन से आ रहे हैं तो आप को काठगोदाम रेलवे स्टेशन आना होगा। काठगोदाम नैनीताल से 35 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
काठगोदाम से नैनीताल आप दो तरह से पहुंच सकते हैं पहला तो यह है कि आप शेयरिंग टैक्सी में बैठकर काठगोदाम से नैनीताल आ सकते हैं। जिसमें आपको लगभग Rs. 120 से Rs. 130 किराया लगेगा और दूसरा ऑप्शन है बस से। अगर आप बस से काठगोदाम से नैनीताल आएंगे तो उसमें आपको Rs. 70 से Rs. 80 में बस वाला आपको नैनीताल तक ले आएगा।
और अगर आप अपनी फैमिली के साथ आ रहे हैं तो आप यहां से नैनीताल जाने के लिए टैक्सी भी बुक कर सकते हैं जिसका किराया लगभग 500 से Rs. 700 के बीच में टैक्सीवाला आपसे लेगा।
बस से नैनीताल कैसे पहुचें –
नैनीताल सड़कमार्ग से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है दिल्ली से नैनीताल की दूरी करीब 320 किलोमीटर है जिसे पूरा करने में 8-9 घंटे लगते हैं। नैनीताल नैशनल हाइवे 87 के जरिए पूरे देश से जुड़ा है। इसके अलावा दिल्ली नैनीताल के लिए सीधी बस सेवा भी उपलब्ध है। दिल्ली से नैनीताल जाने के लिए आप वॉल्वो बस भी बुक कर सकते हैं। दिल्ली से नैनीताल पहुंचाने में बस 8.30-9 घंटे लेती है। दिल्ली से नैनीताल के लिए बस रात 10 बजे चलती है जो सुबह 6.30 बजे नैनीताल उतार देती है।
दोस्तों अगर आप बस से नैनीताल आना चाहते हैं तो आपको दिल्ली से नैनीताल के लिए डायरेक्ट बस मिल जाएगी। जिसमें आपको सरकारी बसें और प्राइवेट बसें दोनों मिलेंगी। आप चाहे तो वोल्वो बस से भी आ सकते हैं और सरकारी बस से भी आ सकते हैं सरकारी बस से अगर आप आते हैं तो इसमें 400 से Rs. 500 आप का किराया होता है और प्राइवेट में 700 से 800 तक किराया रहता है और तीसरा माध्यम है फ्लाइट।
फ्लाइट से नैनीताल कैसे पहुचें –
आप नैनीताल कैसे पहुंचे नैनीताल का सबसे नजदीकी एयरपोर्ट पंतनगर एयरपोर्ट (Pantnagar Airport) है। लेकिन पंतनगर के लिए फ्लाइट आपको बहुत कम मिलेंगे अगर आप दिल्ली से पंतनगर हवाई यात्रा से आना चाहते हैं तो दिल्ली से पंतनगर के लिए आपको फ्लाइट आराम से मिल जाएगी। पंतनगर एयरपोर्ट से नैनीताल की दूरी 70 किलोमीटर है।
पंतनगर एयरपोर्ट पहुंचने के बाद आप वहां से शेयरिंग टैक्सी या पर्सनल टैक्सी बुक करके भी नैनीताल पहुंच सकते हैं शेयरिंग टैक्सी में आपको लगभग 250 से 300 प्रति व्यक्ति वह आपसे लेगा और बुकिंग करने पर यह आपको 1500 से 2000 तक लगेगा।
मोड़ | मार्ग | दूरी | समय | लागत (प्राकृतिक लागत सीमा) |
---|---|---|---|---|
हवाई जहाज़ | पंतनगर एयरपोर्ट से टैक्सी या बस | लगभग 70 किलोमीटर | 2.5 घंटे | Rs. 1500 – Rs. 2500 |
ट्रेन | कथगोदाम रेलवे स्थल से टैक्सी या बस | लगभग 34 किलोमीटर | 1.5 घंटे | Rs. 800 – Rs. 1200 |
सड़क | दिल्ली से नैनीताल के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग | लगभग 300 किलोमीटर | 7 – 8 घंटे | Rs. 500 – Rs. 1500 |
नैनीताल का 12 महीनों का तापमान डेटा –
महीना | उच्चतम तापमान (°C) | न्यूनतम तापमान (°C) |
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जनवरी | 15 | 1 |
फरवरी | 17 | 3 |
मार्च | 20 | 5 |
अप्रैल | 25 | 10 |
मई | 29 | 14 |
जून | 28 | 17 |
जुलाई | 27 | 18 |
अगस्त | 27 | 18 |
सितंबर | 26 | 16 |
अक्टूबर | 24 | 11 |
नवंबर | 20 | 6 |
दिसंबर | 17 | 2 |
नैनीताल में कहाँ रुकें?
दोस्तों जैसे ही आप नैनीताल पहुंचते हैं तो सबसे पहले आपको अपने रुकने की व्यवस्था करनी होगी। तो यहां पर आपके पास दो ऑप्शन हैं यानी कि आप यहां पर दो जगह पर रुक सकते हैं जो कि पहला है नैनी लेक। नैनी लेक के आसपास आपको बहुत सारे होटल और रेस्टोरेंट मिल जाएंगे जहां पर आप रुक सकते हैं और दूसरा है माल रोड।आप इन दोनों जगहों में कहीं पर हो सकते हैं।
यहां पर आपको बहुत सारे होटल रहने के लिए मिल जाएंगे जो कि 1000 रुपए से शुरू होकर Rs. 10000 तक 24 घंटे का चार्ज वह आपसे लेंगे। आप अपने बजट के हिसाब से कोई भी होटल में रूम कर सकते हैं। खाने पीने का यहां पर आपको सब चीज मिल जाएगा और अगर आप होटल में खाना चाहे तो होटल में भी खा सकते हैं और अगर आप बाहर ढाबे पर खाना चाहते हैं तो वहां पर आपको छोटे-मोटे ढाबे भी मिल जाते हैं। तो यहां पर खाने-पीने की भी आपको कोई समस्या नहीं होगी और 100 से 150 रुपए में आप भरपेट भोजन एक समय में खा सकते हैं।
नैनीताल घूमने के लिए कितने दिन का प्लान बनाएं?
तो दोस्तों अगर आप नैनीताल घूमना चाहते हैं तो नैनीताल घूमने के लिए आपको 2 दिन का समय लगेगा और अगर आप नैनीताल से रानीखेत भी जाना चाहते हैं जोकि नैनीताल से 55 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है तो फिर आपको रानीखेत घूमने के लिए 2 दिन और रुकना पड़ेगा यानी कि अगर आप रानीखेत और नैनीताल दोनों जगह एक ही बार घूमना चाहते हैं तो आपको कम से कम 3 से 4 दिन का समय लगेगा।
नैनीताल ट्रिप में कुल खर्चा कितना आएगा?
दोस्तों, अगर आप 1000 रुपये तक का रूम करते हैं और अतिरिक्त खर्चा नहीं करते हैं तो आपका 4000 से 5000 पर पर्सन के हिसाब से खर्चा आएगा। अगर आप दो लोग हैं तो करीब 8000 से Rs. 10000 आपका नैनीताल ट्रिप का खर्चा आ जाएगा। दोस्तों यह खर्चा सिर्फ नैनीताल पहुंचने के बाद का है।
इसके अलावा आप जहां से भी आ रहे हो, आपका बस का,गाड़ी का,ट्रेन टिकट का, फ्लाइट का यह सब अलग रहेगा। जो खर्चा यह मैंने बताया है वो सिर्फ नैनीताल पहुंचने के बाद का है समय रहते आप जरूर नैनीताल जाइए और यहां की हसीन वादियों का आनंद उठाइए।
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