आज हम आपको गुजरात की ब्रह्मनगरी यानी पुष्कर शहर की यात्रा की संपूर्ण जानकारी देंगे । हम आपको बताएंगे कि आपको पुष्कर कैसे पहुंचना है, यहां पर ब्रह्मा जी के दर्शन कैसे होंगे, यहां पर रूकने तथा खाने पीने की क्या व्यवस्था होगी, पुष्कर में और दर्शनीय स्थल कौन कौन से हैं और इस यात्रा का कुल खर्चा कितना होगा। इस जानकारी से आपको अपनी पुष्कर यात्रा में सहूलियत मिलेगी।
पुष्कर कहाँ स्थित है? । Where is Pushkar located?
“पुष्कर नगर राजस्थान राज्य के अजमेर जिले में स्थित है। यह नगर अजमेर शहर से लगभग 14 किलोमीटर दूरी पर स्थित है। पुष्कर सरोवर के पास स्थित यह नगर हिन्दू धर्म का महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है और पुष्कर मेला के आयोजन का केंद्र है”। पुष्कर नगर में स्थित ब्रह्मा मंदिर, पुष्कर सरोवर, गायत्री माता मंदिर और अनेक धार्मिक स्थल और मंदिर होते हैं जिन्हें यात्री और भक्त दर्शन करने आते हैं।
पुष्कर जाने का सबसे अच्छा समय | Best Time to Travel in Pushkar?
पुष्कर आने का बेस्ट समय अगस्त से दिसंबर तक का समय होता है यानी मानसून से विंटर तक का समय। इस समय पर आपको यहां पर ज्यादा भीड़-भाड़ देखने को नहीं मिलेगी। पर मुख्यतः 2 पर्वों पर यहां पर बहुत भीड़ होती है। पहला है होली, यहां पर होली बड़े धूम धाम से मनाई जाती है जो की काफी प्रसिद्ध है और काफी यात्री भी इसमें शामिल होते हैं।
दूसरा है कार्तिक पूर्णिमा यानी अक्टूबर नवंबर का समय। इस समय यहां पर 7 दिन का मेला लगता है और इस अवसर पर भी यहां पर काफी भीड़ होती है। पुष्कर ज्यादातर लोग सुबह पहुंचकर यहां पर दर्शन करते हैं और शाम को वापस लौट जाते हैं क्योंकि यहां पर 1 ही दिन पर्याप्त होता है पर अगर आप यहां पर सारे मुख्य स्थानों को एक्सप्लोर करना चाहते हैं तो आपको 2 दिन का स्टे प्लान करना होगा।
पुष्कर क्यों प्रसिद्ध है? । Why is Pushkar Famous?
पुष्कर निम्नलिखित कारणों से प्रसिद्ध है-
- धार्मिक महत्व – पुष्कर भारत में सबसे महत्वपूर्ण हिंदू तीर्थ स्थलों में से एक है। यह दुनिया का एकमात्र मंदिर है जो निर्माता भगवान ब्रह्मा को समर्पित है। पुष्कर को पुष्कर झील में स्नान करने के लिए भी एक पवित्र स्थान माना जाता है, जिसके बारे में माना जाता है कि इसमें उपचार करने की शक्तियां हैं।
- पुष्कर ऊँट मेला – पुष्कर अपने वार्षिक पुष्कर ऊँट मेले के लिए जाना जाता है, जो दुनिया के सबसे बड़े और सबसे रंगीन ऊँट मेलों में से एक है। यह मेला हर साल नवंबर के महीने में आयोजित किया जाता है और दुनिया भर से हजारों पर्यटकों को आकर्षित करता है।
- पर्यटन स्थल – पुष्कर एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है, जो अपने खूबसूरत दृश्यों, मंदिरों, घाटों और बाजारों के लिए जाना जाता है। पुष्कर अपने शांत वातावरण और मिलनसार लोगों के लिए भी जाना जाता है।
यहां कुछ अन्य चीजें हैं जिनके लिए पुष्कर प्रसिद्ध है –
- गुलाब की खेती – व्यापक गुलाब की खेती के कारण पुष्कर को “राजस्थान का गुलाब उद्यान” कहा जाता है। पुष्कर गुलाब का उपयोग विभिन्न प्रकार के उत्पाद बनाने के लिए किया जाता है, जिनमें गुलाब का तेल, गुलाब जल और गुलाब की पंखुड़ियाँ शामिल हैं।
- साहसिक गतिविधियाँ – ऊंट सफारी, जीप सफारी और गर्म हवा के गुब्बारे की सवारी जैसी साहसिक गतिविधियों का अनुभव करने के लिए पुष्कर एक शानदार जगह है।
- भोजन – पुष्कर अपने स्वादिष्ट भोजन के लिए जाना जाता है, जिसमें विभिन्न प्रकार के राजस्थानी व्यंजनों के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय व्यंजन भी शामिल हैं।
कुल मिलाकर, पुष्कर एक अनोखी और विशेष जगह है जिसमें हर किसी को देने के लिए कुछ न कुछ है। चाहे आप धर्म, संस्कृति, इतिहास में रुचि रखते हों, या बस आराम करना और सुंदर दृश्यों का आनंद लेना चाहते हों, पुष्कर आपके लिए एकदम सही जगह है।
पुष्कर का इतिहास | History of Pushkar?
पुष्कर का इतिहास बहुत लंबा और समृद्ध है, जो हजारों साल पुराना है। इस शहर का उल्लेख रामायण और महाभारत सहित कई प्राचीन हिंदू ग्रंथों में मिलता है।
पौराणिक कथा के अनुसार, पुष्कर का निर्माण तब हुआ जब सृष्टिकर्ता भगवान ब्रह्मा ने अपने हाथ से कमल का फूल गिराया। फूल की तीन पंखुड़ियाँ जमीन पर गिर गईं और तीन झीलें बन गईं: पुष्कर झील, मनसा झील और सांसी झील। तीनों झीलों में से पुष्कर झील सबसे पवित्र मानी जाती है।
पुष्कर सदियों से हिंदुओं के लिए एक तीर्थ स्थल रहा है। यह शहर भगवान ब्रह्मा को समर्पित दुनिया का एकमात्र मंदिर है। ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण चौथी शताब्दी ईस्वी में गुप्त सम्राट चंद्रगुप्त द्वितीय द्वारा किया गया था।
पुष्कर सदियों से व्यापार और वाणिज्य का केंद्र भी रहा है। यह शहर भारत और मध्य एशिया के बीच एक महत्वपूर्ण व्यापार मार्ग पर स्थित है। पुष्कर अपने वार्षिक पुष्कर ऊँट मेले के लिए भी जाना जाता है, जो दुनिया के सबसे बड़े ऊँट मेलों में से एक है।

पुष्कर का इतिहास कई आक्रमणों और संघर्षों से भी चिह्नित है। 16वीं शताब्दी में इस शहर पर मुगलों द्वारा और 18वीं शताब्दी में मराठों द्वारा आक्रमण किया गया था। हालाँकि, इन आक्रमणों के बावजूद पुष्कर एक महत्वपूर्ण धार्मिक और सांस्कृतिक केंद्र बना रहा।
19वीं शताब्दी में, पुष्कर ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के शासन के अधीन आ गया। अंग्रेजों ने पुष्कर में कई सड़कें और इमारतें बनाईं, जिससे शहर के बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने में मदद मिली।
1947 में भारत को आजादी मिलने के बाद, पुष्कर राजस्थान राज्य का हिस्सा बन गया। आज़ादी के बाद से शहर का विकास और प्रगति जारी है। आज, पुष्कर एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है, जो अपने धार्मिक महत्व, अपने वार्षिक ऊंट मेले और अपने सुंदर दृश्यों के लिए जाना जाता है।
यहां पुष्कर के इतिहास की कुछ प्रमुख घटनाओं की संक्षिप्त समयरेखा दी गई है –
- चौथी शताब्दी ई. – गुप्त सम्राट चंद्रगुप्त द्वितीय ने पुष्कर में ब्रह्मा मंदिर का निर्माण कराया।
- 11वीं शताब्दी ई. – मुस्लिम आक्रमणकारी महमूद गजनवी ने पुष्कर पर आक्रमण किया।
- 16वीं शताब्दी ई. – पुष्कर पर मुगलों ने आक्रमण किया।
- 18वीं शताब्दी ई. – मराठों द्वारा पुष्कर पर आक्रमण किया गया।
- 19वीं शताब्दी ई. – पुष्कर ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कंपनी के शासन के अंतर्गत आता है।
- 1947 – भारत को आजादी मिली और पुष्कर राजस्थान राज्य का हिस्सा बन गया।
आज, पुष्कर एक संपन्न शहर और एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है। यह शहर अपने धार्मिक महत्व, अपने वार्षिक ऊंट मेले और अपने सुंदर दृश्यों के लिए जाना जाता है।
पुष्कर की ऊंचाई और तापमान?
पुष्कर समुद्र तल से 510 मीटर (1,670 फीट) की ऊंचाई पर स्थित है और तापमान –
महीना (Month) | न्यूनतम तापमान (Minimum Temperature) (°C) | अधिकतम तापमान (Maximum Temperature) (°C) |
---|---|---|
जनवरी | 8 | 22 |
फरवरी | 10 | 25 |
मार्च | 15 | 31 |
अप्रैल | 21 | 37 |
मई | 26 | 42 |
जून | 28 | 41 |
जुलाई | 27 | 37 |
अगस्त | 26 | 36 |
सितंबर | 24 | 36 |
अक्टूबर | 19 | 34 |
नवम्बर | 12 | 29 |
दिसंबर | 8 | 23 |
पुष्कर कैसे पहुंचे?। How to reach Pushkar
बाय ट्रेन पुष्कर कैसे पहुंचे?। How to reach Pushkar by train
अगर आप पुष्कर बाय ट्रेन आ रहे हैं तो आपको बता दें कि पुष्कर में भी रेलवे स्टेशन है। पर यहां पर लॉन्ग डिस्टेंस वाली ट्रेन नहीं आती है। तो आपको सबसे पहले अजमेर रेलवे स्टेशन पहुंचना होगा। यहां से पुष्कर की दूरी लगभग 15 किलोमीटर है जो कि आप बाय ऑटो या बाय बस तय कर सकते हैं, जिसका किराया लगभग 25 से 30 रुपए प्रति व्यक्ति तक होता है। हालाकि अजमेर से पुष्कर के लिए पैसेंजर ट्रेन भी चलती है पर ये थोडा लॉन्ग डिस्टेंस कवर करती है तो आपके लिए बाय रोड वाला रूट ही सही रहेगा।
बाय रोड़ पुष्कर कैसे पहुंचे?। How to reach By Road Pushkar
अजमेर से बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन से बसें चलती हैं। अपनी ट्रेन से उतरें और स्टेशन से बाहर निकलें। आपको मेन सड़क पर एक पैदल पुल दिखाई देगा। यह ओवरपास दूसरी तरफ जाता है जहां आप पुष्कर के लिए अपनी बस का इंतजार करते हैं।पुष्कर के यात्रियों की सहायता के लिए इंदौर और पुष्कर, नागदा और पुष्कर, और जयपुर और पुष्कर के बीच नियमित रूप से बसें चलती हैं।
पुष्कर मेला कब लगता है?। when does pushkar mela take place
पुष्कर मेला राजस्थान, भारत में हर साल लगभग नवम्बर-दिसम्बर के बीच आयोजित होता है। यह मेला हिन्दू मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि से लेकर पूर्णिमा तक चलता है। यह 9-10 दिनों तक चलने वाला महोत्सव होता है, जिसमें प्रमुखतः शुक्ल पक्ष की द्वादशी, त्रयोदशी, चतुर्दशी, पूर्णिमा और पूर्णिमा के दिन स्नान का विशेष महत्व होता है। पुष्कर मेला अपनी पूर्णिमा को भ्रमगिरी पर्वत पर स्थित ब्रह्मा मंदिर में स्नान के साथ अविवाहित यात्री और पशुओं के लाभ और मुक्ति की कामना के लिए प्रसिद्ध है।
पुष्कर में ब्रह्मा जी के दर्शन कैसे करें?
पुष्कर में ब्रह्मा जी के दर्शन से पहले आपको मंदिर के पास में ही स्थित पुष्कर सरोवर में स्नान करना होगा। इस पुष्कर सरोवर में 52 घाट हैं जिनमे मुख्य ब्रह्म घाट हैं जिसमें आप दर्शन से पहले स्नान कर सकते हैं। इसके बाद आप दर्शन करने के लिए मंदिर में प्रवेश कर सकते हैं। अगर आप पीक सीजन में जाते हैं तो आपको दर्शन करने में एक डेढ़ घंटा लग जाएगा पर वैसे यहां 15 से 20 मिनट में दर्शन हो जाते हैं।
पुष्कर में कहां-कहां घूमना चाहिए?
रंगनाथ स्वामी मंदिर –
पुष्कर में स्थित अन्य घूमने लायक स्थानों की बात करें तो सबसे पहले आता है रंगनाथ स्वामी मंदिर, यहां पर भी आप दर्शन कर सकते हैं। यह ब्रह्मा जी के मंदिर से कुछ ही दूरी पर स्थित है।
वाराह स्वामी मंदिर –
अगला स्थान है वाराह स्वामी मंदिर , जहां पर विष्णु अवतार वाराह स्वामी विराजमान हैं जिनके आप दर्शन कर सकते हैं। ऐसे ही अनेक मंदिर आपको पुष्कर में मिल जायेंगे। पर कुछ मुख्य मंदिर है जहां आप जा सकते हैं।
पंचकुंड मंदिर –
अगला स्थान है पंचकुंड शिव मंदिर । यहां पर पांच पांडवों के नाम से 5 कुंड बनाए गए हैं।
सावित्री माता मंदिर –
इसकी क्रम में अगला स्थान है सावित्री माता मंदिर। यह मंदिर एक पहाड़ी पर ऊंचाई पर स्थित है जहां से आपको पूरे पुष्कर शहर का नजारा देखने को मिलेगा।
बापू बाजार –
अगर आप राजस्थान की ऑथेंटिक चीजों की शॉपिंग करना चाहते हैं तो आप कुछ समय बापू बाजार को एक्सप्लोर कर सकते हैं जो की ब्रह्म मंदिर के ठीक सामने स्थित है। यहां पर आपको अनेक हैंडलूम हैंडक्राफ्ट प्रोडक्ट्स देखने को मिलेंगे।
कैमल सफ़ारी –
अगला और अंतिम स्थान है कैमल सफ़ारी।यहां पर एक छोटा सा रेगिस्तान है और यह स्थान कैमल राइड के लिए प्रसिद्द है तो आप भी यहां पर कैमल राइड का आनंद उठा सकते हैं।
घूमने का माध्यम –
अब बात करें इन स्थानों पर घूमने के साधन की तो यहां पर आपको 2 विकल्प मिलेंगे। पहला तो ये की आप ऑटो बुक कर सकते हैं , जिसका किराया 500 से 600 रूपये तक होगा। साथ ही यदि आप अकेले या बैचलर है तो यहां पर आपको बाइक या स्कूटी रेंट पर भी मिल जायेगी जिसका किराया 300 से 400 रुपए तक होता है।