अगर आप श्रीनगर और कश्मीर के अन्य टुरिस्ट प्लेसेस पर घूमने की प्लानिंग कर रहे हैं तो यह आर्टिकल आपके लिए लाभकारी साबित हो सकता है। इसमें आपको सम्पूर्ण जानकारी मिलेगी कि किस प्रकार आप अपनी ट्रिप प्लान करें। साथ ही आप कैसे श्रीनगर पहुंच सकते हैं? वहां पर रहने और खाने पीने की क्या व्यवस्था होगी और इस यात्रा का कुल खर्चा लगभग कितना आयेगा?
श्रीनगर कहाँ है? | Where is Srinagar?
श्रीनगर जम्मू और कश्मीर राज्य के उत्तरी हिस्से में स्थित है। यह मनमोहन झील के किनारे बसा हुआ है और हिमालय की गोद में बसा हुआ है।
श्रीनगर को प्राचीन काल में “शैवपुरी” के नाम से जाना जाता था। यह शहर कश्मीर घाटी के मध्य में स्थित है, जो कि भारत के उत्तरी भाग में है। श्रीनगर से समुद्र तल की ऊँचाई 1,730 मीटर (5,680 फीट) है। शहर में कई झीलें हैं, जिनमें से सबसे प्रसिद्ध डल झील है। डल झील एक मीठे पानी की झील है और यह श्रीनगर का सबसे लोकप्रिय पर्यटक आकर्षण है।
श्रीनगर में कई ऐतिहासिक और धार्मिक स्थल भी हैं, जिनमें से सबसे प्रसिद्ध हजरत बल मस्जिद है। हजरत बल मस्जिद एक इस्लामी मस्जिद है और यह कश्मीर में सबसे पुरानी और सबसे पवित्र मस्जिदों में से एक है।
श्रीनगर जाने का सबसे अच्छा समय | Best Time to Travel in Srinagar?
मानसून को छोड़कर आप चाहे तो विंटर या समर किसी भी सीजन में श्रीनगर घूमने जा सकते हैं, आपको दोनो ही सीजन में यहां पर स्नो देखने को मिलेगा। अगर आप सिर्फ स्नो देखने श्रीनगर जा रहे हैं तो आपको नवंबर से फरवरी के बीच जाना चाहिए क्योंकि इस समय यहां पर हैवी स्नो फॉल होता है,जिसमे आपको अलग ही अनुभव होगा।
श्रीनगर क्यों प्रसिद्ध है? | Why is Srinagar Famous?
श्रीनगर अपने मनमोहन झील, नागीन झील, मुग़ल बाग़, और शिकारा बोट जैसे प्राकृतिक सौंदर्य और स्थलीय संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है।
श्रीनगर का इतिहास | History of Srinagar?
श्रीनगर शहर अपनी प्राकृतिक सुंदरता और यहां मौजूद शानदार पर्यटन स्थलों के लिए जाना जाता है। हालाँकि, श्रीनगर का एक और बहुत महत्वपूर्ण पहलू यह है कि इसका एक बहुत समृद्ध और मनोरम इतिहास है। ऐतिहासिक घटनाओं और पूर्ववर्ती युग में श्रीनगर पर शासन करने वाले शासकों की कुछ सबसे दिलचस्प कहानियाँ हैं जिन्हें वर्तमान पीढ़ी पढ़ना और सीखना पसंद करेगी।
श्रीनगर में शहर के नाम का इतिहास
श्रीनगर में सबसे लोकप्रिय ऐतिहासिक कहानियाँ शहर के नाम से जुड़ी हुई हैं। श्रीनगर नाम दो संस्कृत शब्दों से लिया गया है, अर्थात् श्री, जिसका अर्थ है धन की देवी और नगर, जिसका अर्थ है शहर। इसलिए, यह शहर “धन के शहर” के नाम से प्रसिद्ध है। नाम की उत्पत्ति पांडवों के युग से होती है, जब अशोक नाम के एक राजा ने श्रीनगरी नामक एक शहर का निर्माण किया था। शहर के नाम की उत्पत्ति के इतिहास से जुड़ी एक दूसरी कहानी भी है। ऐसा माना जाता है कि मौर्य साम्राज्य के तत्कालीन सम्राट अशोक ने श्रीनगर शहर की स्थापना ऐसे स्थान पर की थी जो वर्तमान शहर से कुछ ही दूरी पर है। इसे अब पंड्रेथान नामक गाँव कहा जाता है जो वर्तमान शहर से 5 किलोमीटर की दूरी पर है और शहर के उत्तर की ओर स्थित है।
श्रीनगर में ऐतिहासिक शासक श्रीनगर शहर अपनी प्राकृतिक सुंदरता और यहां मौजूद शानदार पर्यटन स्थलों के लिए जाना जाता है। हालाँकि, श्रीनगर का एक और बहुत महत्वपूर्ण पहलू यह है कि इसका एक बहुत समृद्ध और मनोरम इतिहास है। ऐतिहासिक घटनाओं और पूर्ववर्ती युग में श्रीनगर पर शासन करने वाले शासकों की कुछ सबसे दिलचस्प कहानियाँ हैं जिन्हें वर्तमान पीढ़ी पढ़ना और सीखना पसंद करेगी।
श्रीनगर में ऐतिहासिक शासक
लगभग 14वीं शताब्दी तक श्रीनगर पर मौर्य साम्राज्य का शासन था और वह सम्राट अशोक ही थे, जिन्होंने कश्मीर की घाटी में बौद्ध धर्म की शुरुआत की थी। माना जाता है कि पहली शताब्दी के दौरान इस क्षेत्र पर कुषाणों का नियंत्रण था, जिन्होंने पाकिस्तान और अफगानिस्तान में अपने गढ़ से इस स्थान पर शासन किया था। यहां तक कि उज्जैन के राजा विक्रमादित्य ने भी 6वीं शताब्दी के दौरान हूण नामक खानाबदोश जनजाति को नियंत्रण हस्तांतरित करने से पहले इस स्थान पर शासन किया था। शहर के सबसे भयभीत शासकों में से एक मिहिरकुला था जो इसी जनजाति का था।

14वीं शताब्दी के बाद यह शहर मुगल शासन के अधीन आ गया और इस पर मुस्लिम राजाओं का शासन था। इस शहर को यूसुफ शाह चक के शासनकाल के दौरान राजधानी बनाया गया था, जिसे बाद में अकबर ने धोखे से मौत के घाट उतार दिया था, जिसने यूसुफ शाह चक के पतन के बाद शहर पर अपना प्रभुत्व स्थापित किया था। वर्ष 1707 में मुगल प्रभुत्व उनके अंतिम राजा औरंगजेब की मृत्यु के साथ समाप्त हो गया और फिर श्रीनगर दुर्रानी साम्राज्य के शासन में आ गया। इस साम्राज्य पर पाशुन जनजाति के नेता थे और उन्होंने कई दशकों तक श्रीनगर पर शासन किया। 1814 में ही सिखों का शासन स्थापित हुआ और महाराजा रणजीत सिंह ने कश्मीर पर शासन किया। भारत में ब्रिटिश राज आने तक इस पर सिखों का शासन था। वर्ष 1947 तक श्रीनगर को ब्रिटिश भारत में एक रियासत माना जाता था।
22 अक्टूबर 1947 को पाकिस्तान से महसूद और अफरीदी नामक कुछ जनजातियों ने शहर में प्रवेश करने की कोशिश की थी और तत्कालीन महाराजा एक स्वतंत्र राज्य चाहते थे और भारतीय या पाकिस्तानी सरकार के शासन को स्वीकार नहीं करते थे। हालाँकि, उन्होंने 26 अक्टूबर 1947 को एक परिग्रहण पर हस्ताक्षर किए जब पाकिस्तानी आदिवासियों ने शहर पर कब्जा करने की कोशिश की और भारत सरकार ने पाकिस्तानी आदिवासियों को शहर में प्रवेश करने से रोकने के लिए सेना भेज दी।
इस प्रकार, श्रीनगर शहर का दौरा करने का एक दिलचस्प इतिहास है और कोई यह मान सकता है कि शहर पर शासन करने वाले कई शासकों के सांस्कृतिक प्रभाव ने शहर को वर्तमान सांस्कृतिक उत्साह प्रदान किया है।
सड़क, ट्रेन और हवाई मार्ग श्रीनगर कैसे पहुंचे? | | How to Reach Srinagar?
- ट्रेन से – श्रीनगर पहुंचने के लिए आपके पास 3 विकल्प हैं। पहला है ट्रेन – वैसे तो श्रीनगर में ही रेलवे स्टेशन स्थित है पर यह जम्मू से होकर नहीं जाती पर आपको बनिहाल रेलवे स्टेशन से श्रीनगर की ट्रेन मिल जायेगी। इसके लिए आपको जम्मू होते हुए उधमपुर आना होगा , यहां से बनिहाल के लिए आपको बस या टैक्सी मिल जायेगी।
- सड़क से – दूसरा विकल्प है बस – दिल्ली से श्रीनगर की डायरेक्ट बस मिल जाती है। साथ ही जम्मू से भी आपको श्रीनगर की बस मिल जायेगी। अगर आप वैष्णो देवी यात्रा के बाद श्रीनगर घूमना चाहते हैं तो आपको कटरा से भी बस मिल जायेगी।
- फ्लाइट से – तीसरा विकल्प है फ्लाइट – श्रीनगर में ही एयरपोर्ट स्थित है, तो आप अन्य शहरों से डायरेक्ट फ्लाइट के जरिए श्रीनगर आ सकते हैं।
मोड़ | मार्ग | दूरी | समय | लागत (लगभग लागत सीमा) |
---|---|---|---|---|
हवाई जहाज़ | श्रीनगर हवाई अड्डा से टैक्सी या बस | लगभग 12 किलोमीटर | 30 मिनट | Rs. 300 – Rs. 700 |
ट्रेन | जम्मू रेलवे स्थल से टैक्सी या बस | लगभग 300 किलोमीटर | 8 – 9 घंटे | Rs. 1000 – Rs. 2500 |
सड़क | जम्मू से श्रीनगर के लिए राष्ट्रीय राजमार्ग | लगभग 270 किलोमीटर | 8 – 9 घंटे | Rs. 1000 – Rs. 2000 |
श्रीनगर की ऊंचाई और तापमान?
श्रीनगर समुद्र तल से लगभग 1,730 मीटर (5,680 फीट) की ऊंचाई पर स्थित है, तापमान –
महीना | उच्चतम तापमान (°C) | न्यूनतम तापमान (°C) |
---|---|---|
जनवरी | 7 | -2 |
फरवरी | 9 | 0 |
मार्च | 15 | 4 |
अप्रैल | 20 | 8 |
मई | 25 | 12 |
जून | 29 | 16 |
जुलाई | 30 | 18 |
अगस्त | 29 | 17 |
सितंबर | 27 | 13 |
अक्टूबर | 22 | 7 |
नवंबर | 14 | 2 |
दिसंबर | 8 | -1 |
श्रीनगर में रूकने और खाने पीने की व्यवस्था?
श्रीनगर में रूकने के स्थानों में सबसे कॉमन प्राइवेट होटल्स है, जिनकी कॉस्ट 1000 रूपये से लगभग 6000 या 7000 तक हो सकती है। इसके अलावा रूकने के लिए आपको यहां पर हाउस बोट्स का ऑप्शन भी मिल जायेगा । इसके लिए सबसे फेमस स्पॉट है डल झील।
यहां पर आपको बहुत सारे हाउस बोट्स मिल जायेंगे जिनका किराया 500 से 1000 रुपए तक होता है।
अगर बात करें यहां पर खाने पीने की व्यवस्था की तो श्रीनगर में आपको खाने पीने में कोई परेशानी नहीं होगी। यहां पर वेज नॉनवेज हर प्रकार का भोजन आपको मिल जायेगा जिसमे एक समय के खाने का कॉस्ट लगभग 150 से 200 रुपए तक होता है।
श्रीनगर में स्टे प्लान और घूमने के अन्य स्थान
बात करें कि आपको श्रीनगर में कितने दिन का स्टे प्लान बनाना है तो आपको यहां पर 2 दिन का स्टे प्लान बनाना होगा। पहले दिन के स्टे में आप वहां पर आस पास की जगहों पर घूमें और चाहें तो आप यहां पर शॉपिंग भी कर सकते हैं।
दूसरे दिन सुबह उठकर आप यहां पर अन्य टूरिस्ट स्पॉट को एक्सप्लोर कर सकते हैं।
मुगल गार्डन –
पहला स्थान है मुगल गार्डन। यहां पर आपको मुगल कालीन वास्तुकला के अनेक उदाहरण देखने को मिलेंगे। फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी के लिए यह स्थान बेस्ट रहेगा।
शालीमार बाग –
मुगल गार्डन की तरह ही शालीमार बाग भी बहुत खूबसूरत है। यह स्नो से भरा होता है, खासकर जब आप विंटर में यहां पर जाएं।
ट्यूलिप गार्डन –
यहां पर आपको लगभग 70 प्रकार के फूल देखने को मिलेंगे। ये नज़ारा काफी सुन्दर होता है , तो आपको राय देंगे कि आप यहां जाना बिलकुल भी मिस न करें।
शंकराचार्य मंदिर –
यहां पर आप शंकराचार्य के दर्शन कर सकते हैं।
परी महल –
यह श्रीनगर से लगभग 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां पर भी आपको बहुत ही सुंदर नज़ारा देखने को मिलेगा।
सोनमर्ग –
अब अगर बात करें तीसरे दिन की तो आपको सोनमर्ग की तरफ निकलना होगा जो की श्रीनगर से लगभग 85 किलोमीटर दूर है। अगर आप समर में ट्रिप प्लान करते हैं तो आप सोनमर्ग को स्किप न करें। यहां पर आपको स्लाइड राइड करने का भी मौका मिलेगा। इसके बाद आप वापस श्रीनगर आकर स्टे ले।
अगले दिन आप गुलमर्ग की ओर प्रस्थान कर सकते हैं। आप चाहें तो यही पर स्टे ले सकते हैं या तो वापस श्रीनगर भी आ सकते हैं। गुलमर्ग की श्रीनगर की दूरी लगभग 52 किलोमीटर दूर है। यहां पर आपको हर सीज़न में स्नो देखने को मिलेगा, साथ ही आप यहां पर अनेक स्नो एक्टिविटी जैसे स्नो मोबाइल, स्कीइंग, रोपवे, आदि भी कर सकते हैं। इसके बाद आप अगले दिन यहां से वापस रवानगी ले सकते हैं।
अगर बात करें कि इन सभी स्थानों पर घूमने का क्या साधन होगा तो यहां पर आपको 2 विकल्प मिलेंगे। पहला है बाय बस, आपको यहां पर जम्मू ट्रांसपोर्ट विभाग की बस मिल जायेगी और यह आपको काफी सस्ता भी पड़ जाएगा। या तो आप प्राईवेट टैक्सी हायर कर सकते हैं। जो कि आपको यहां के लोकल स्पॉट्स पर घुमाने का टोटल कॉस्ट 3500 से 4000 रुपए तक लेगा।
और दूसरा विकल्प है पैकेज जिसकी कुल कॉस्ट 20 से 25 हज़ार तक पड़ेगा। इस पैकेज में आपके होटल व खाने पीने का खर्चा भी इंक्लूड रहता है।
कश्मीर कौन सी ट्रेन जाती है?
इस मार्ग पर चलने वाली कुछ ट्रेनें झेलम एक्सप्रेस (11077), जबलपुर श्री माता वैष्णो देवी कटरा एक्सप्रेस (11449), दिल्ली सराय रोहिल्ला जम्मू तवी दुरंतो (12265), अजमेर जम्मू तवी एक्सप्रेस (12413) आदि हैं।
कश्मीर जाने मे कुल खर्चा –
सामान्यतः देखा जाए तो आपके इस ट्रिप का कुल खर्चा लगभग 5000 से 6000 रुपए तक होगा। अगर आप बाय बस लोकल साइट्स पर घूमते हैं। वही अगर आप प्राईवेट टैक्सी हायर करते हैं तो तब आपके रहने, खाने पीने और घूमने का खर्चा लगभग 8000 से 10000 रुपए तक होगा।
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