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ताड़केश्वर महादेव मंदिर कहाँ है? | कैसे जाएं | बेस्ट टाइम

ताड़केश्वर महादेव मंदिर कहाँ है? | कैसे जाएं | बेस्ट टाइम

ताड़केश्वर महादेव मंदिर भारत के उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले में स्थित है। गढ़वाल राइफल’ के मुख्यालय लांसडाउन से 36 किलोमीटर दूर है। देवदार और पाइन के घने जंगलों से घिरा यह स्थान उन लोगों के लिए आदर्श स्थान है, जो प्रकृति में सौंदर्य की तलाश करते हैं। शिवरात्रि के दौरान यहाँ पैर एक विशेष पूजा की जाती है। मंदिर समिति आवास के लिए एक धर्मशाला की सुविधा प्रदान करता है।

ताड़केश्वर महादेव मंदिर कहाँ है? | Where is Tadkeshwar Mahadev Temple?

ताड़केश्वर महादेव मंदिर उत्तराखंड के गढ़वाल मंडल में स्थित है। यह मंदिर लैंसडाउन से लगभग 36 किलोमीटर दूर ताड़केश्वर नामक स्थान पर स्थित है। ताड़केश्वर महादेव मंदिर तक पहुंचने के लिए लैंसडाउन से टैक्सी या बस द्वारा जाया जा सकता है।

ताड़केश्वर महादेव मंदिर जाने का सबसे अच्छा समय है? | Best time to visit Tadkeshwar Mahadev Temple?

ताड़केश्वर महादेव मंदिर की यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय गर्मियों का मौसम होता है। गर्मियों के मौसम में ताड़केश्वर का मौसम सुहावना रहता है और ताड़केश्वर महादेव मंदिर के आसपास के प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेने के लिए सबसे अच्छा समय होता है।

ताड़केश्वर महादेव मंदिर क्यों प्रसिद्ध है? | Why is Tadkeshwar Mahadev Temple famous?

ताड़केश्वर महादेव मंदिर कुछ कारणों से प्रसिद्ध है –

  • यह एक बहुत पुराना मंदिर है, माना जाता है कि यह 800 वर्ष से अधिक पुराना है।
  • यह भगवान शिव को समर्पित है, जो सबसे लोकप्रिय हिंदू देवताओं में से एक हैं।
  • यह मंदिर वांकी नदी के तट पर एक सुंदर स्थान पर स्थित है।
  • यह मंदिर अपनी अनूठी वास्तुकला के लिए जाना जाता है, जिसमें मुख्य मंदिर के ऊपर कोई छत नहीं है। इससे सूर्य की रोशनी सीधे भगवान शिव के प्रतीक शिवलिंग पर पड़ती है।
  • यह मंदिर अपने विभिन्न प्रकार के शिवलिंगों के लिए भी प्रसिद्ध है, जिनमें एक दुर्लभ अर्ध-गोलाकार शिवलिंग भी शामिल है।

इन कारणों के अलावा, ताड़केश्वर महादेव मंदिर हिंदुओं के बीच इसलिए भी लोकप्रिय है क्योंकि यह बहुत शक्तिशाली और पवित्र स्थान माना जाता है। कई भक्त आशीर्वाद के लिए प्रार्थना करने और अपनी समस्याओं के समाधान में भगवान शिव से मदद मांगने के लिए मंदिर में आते हैं।

यह मंदिर अपने वार्षिक महा शिवरात्रि उत्सव के लिए भी प्रसिद्ध है, जो पूरे भारत से हजारों भक्तों को आकर्षित करता है। यह त्यौहार पूरी रात विशेष अनुष्ठानों और समारोहों के साथ बहुत धूमधाम और उत्साह के साथ मनाया जाता है।

कुल मिलाकर, ताड़केश्वर महादेव मंदिर दुनिया भर के हिंदुओं के लिए एक लोकप्रिय पर्यटन और तीर्थ स्थल है। यह एक ऐसा स्थान है जहां लोग भगवान शिव का आशीर्वाद लेने और इस प्राचीन मंदिर की आध्यात्मिक शक्ति का अनुभव करने के लिए आते हैं।

ताड़केश्वर महादेव मंदिर का इतिहास | History of Tadkeshwar Mahadev Temple

ताड़केश्वर महादेव मंदिर का इतिहास पौराणिक कथाओं से भरा हुआ है। एक किंवदंती के अनुसार, राक्षस तारकासुर ने वरदान के लिए इस स्थान पर भगवान शिव की तपस्या और पूजा की थी। उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर, भगवान शिव ने उन्हें भगवान शिव के पुत्र को छोड़कर अमरता का वरदान दिया। तारकासुर ने तब दुनिया को आतंकित करना शुरू कर दिया, संतों को मार डाला और देवताओं को धमकी दी।

देवताओं ने भगवान शिव से मदद की अपील की और भगवान शिव ने पार्वती से विवाह किया और कार्तिकेय को जन्म दिया। कार्तिकेय ने अंततः तारकासुर को हरा दिया और मार डाला, लेकिन इससे पहले तारकासुर ने भगवान शिव से क्षमा की प्रार्थना नहीं की थी। तब भगवान शिव ने अपना नाम उस मंदिर से जोड़ लिया जहां तारकासुर ने कभी तपस्या की थी, और इसलिए उस स्थान को तारकेश्वर महादेव के नाम से जाना जाने लगा।

ताड़केश्वर महादेव मंदिर कहाँ है? | कैसे जाएं | बेस्ट टाइम

मंदिर से जुड़ी एक और किंवदंती यह है कि 6 फीट 10 इंच (2.08 मीटर) अर्ध-गोलाकार शिवलिंग प्रकार का पत्थर मई 1215 में वांकी नदी के उत्तरी तट की झाड़ियों में देखा गया था। स्थानीय लोगों ने पत्थर ले लिया और आंशिक रूप से तोड़ दिया इसे नीचे गिरा दिया गया, लेकिन पत्थर से जहरीले ततैया झुंड में आ गए और मंदिर के 1500 फीट के दायरे में लगभग 60 लोगों को डंक मार दिया, जिससे सभी की मौत हो गई।

इस स्थान पर दरगाह का निर्माण किया गया था, लेकिन एक दिन शिव अब्रामा के एक भक्त के सपने में प्रकट हुए और आदेश दिया: “लिंग को वांकी नदी के तट से ले जाओ। भगवान शिव के दो भक्त इसे आसानी से उठा सकते हैं।” अगले दिन, भगवान शिव के दो भक्त शिवलिंग को उठाकर मंदिर के वर्तमान स्थान पर ले जाने में सक्षम हुए।

ताड़केश्वर महादेव मंदिर 800 वर्ष से अधिक पुराना है, जो वलसाड जिले के सबसे पुराने मंदिरों में से एक है। यह एक अनोखा मंदिर है क्योंकि इसमें कोई छत नहीं है, जिससे सूर्य अंदर के शिवलिंग पर चमक सके। यह मंदिर अपनी खूबसूरत वास्तुकला और शांत वातावरण के लिए भी जाना जाता है।

ताड़केश्वर महादेव मंदिर पूरे भारत के हिंदुओं के लिए एक लोकप्रिय तीर्थ स्थल है। यहां विशेष रूप से महा शिवरात्रि उत्सव और श्रावण माह के दौरान भीड़ होती है।

ताड़केश्वर महादेव मंदिर की ऊंचाई और तापमान?

ताड़केश्वर महादेव मंदिर समुद्र तल से 1,800 मीटर (5,905 फीट) की ऊंचाई पर स्थित है और तापमान –

महीना (Month)न्यूनतम तापमान (Minimum Temperature)अधिकतम तापमान (Maximum Temperature)
जनवरी (January)1°C (33.8°F)12°C (53.6°F)
फरवरी (February)4°C (39.2°F)15°C (59°F)
मार्च (March)7°C (44.6°F)19°C (66.2°F)
अप्रैल (April)11°C (51.8°F)24°C (75.2°F)
मई (May)14°C (57.2°F)28°C (82.4°F)
जून (June)18°C (64.4°F)31°C (87.8°F)
जुलाई (July)20°C (68°F)31°C (87.8°F)
अगस्त (August)20°C (68°F)30°C (86°F)
सितंबर (September)18°C (64.4°F)29°C (84.2°F)
अक्टूबर (October)13°C (55.4°F)26°C (78.8°F)
नवंबर (November)7°C (44.6°F)19°C (66.2°F)
दिसंबर (December)2°C (35.6°F)14°C (57.2°F)

ताड़केश्वर महादेव मंदिर कैसे जाएं? | How to reach Tadkeshwar Mahadev Temple?

ताड़केश्वर महादेव मंदिर भारत के गुजरात में स्थित है। मंदिर तक पहुँचने के लिए, आप अपने शुरुआती बिंदु और सुविधा के आधार पर परिवहन के विभिन्न साधनों का उपयोग कर सकते हैं। यहां बताया गया है कि आप सड़क, ट्रेन, बस और हवाई जहाज से ताड़केश्वर महादेव मंदिर तक कैसे पहुंच सकते हैं –

सड़क द्वारा –

  • यदि आप कार या किराए की टैक्सी से यात्रा कर रहे हैं, तो आप ताड़केश्वर महादेव मंदिर तक पहुंचने के लिए जीपीएस (GPS) का उपयोग कर सकते हैं या सड़क संकेतों का पालन कर सकते हैं।
  • यह मंदिर गुजरात के सूरत जिले के बारडोली तालुका के ताड़केश्वर गांव में स्थित है।
  • आप अपने प्रारंभिक स्थान से मंदिर तक सर्वोत्तम मार्ग खोजने के लिए लोकप्रिय मानचित्र और नेविगेशन ऐप्स का उपयोग कर सकते हैं।

ट्रेन से –

  • ताड़केश्वर महादेव मंदिर का निकटतम प्रमुख रेलवे स्टेशन सूरत रेलवे स्टेशन है, जो भारत के कई प्रमुख शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।
  • एक बार जब आप सूरत रेलवे स्टेशन पहुंच जाते हैं, तो आप मंदिर तक पहुंचने के लिए टैक्सी किराए पर ले सकते हैं या बस ले सकते हैं, जो लगभग 30-40 किलोमीटर दूर है।

बस से –

  • आप सूरत, गुजरात के लिए लंबी दूरी की बस ले सकते हैं, जो राज्य के विभिन्न शहरों और पड़ोसी राज्यों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।
  • सूरत पहुंचने के बाद, आप बारडोली में ताड़केश्वर महादेव मंदिर तक पहुंचने के लिए स्थानीय बसें ढूंढ सकते हैं या टैक्सी किराए पर ले सकते हैं।

हवाई जहाज द्वारा –

  • ताड़केश्वर महादेव मंदिर का निकटतम हवाई अड्डा सूरत हवाई अड्डा (एसटीवी) है, जो भारत के प्रमुख शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है।
  • सूरत हवाई अड्डे पर उतरने के बाद, आप मंदिर तक पहुंचने के लिए टैक्सी किराए पर ले सकते हैं या सार्वजनिक परिवहन ले सकते हैं।

कृपया ध्यान दें कि सटीक यात्रा विवरण आपके शुरुआती स्थान और परिवहन विकल्पों की उपलब्धता के आधार पर भिन्न हो सकते हैं। ताड़केश्वर महादेव मंदिर की यात्रा की योजना बनाने से पहले वर्तमान परिवहन कार्यक्रम, मार्गों और उपलब्धता की जांच करना एक अच्छा विचार है।

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