• Home
  • /
  • महाराष्ट्र
  • /
  • भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग कहाँ है? | कैसे जाएं | बेस्ट टाइम
(4.5★/2 Votes)

भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग कहाँ है? | कैसे जाएं | बेस्ट टाइम

भीमाशंकर जाने के साधन क्या होंगे?

भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग – पुणे में स्थित भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग भारत के 12 ज्योतिर्लिंगों में से छठवां ज्योतिर्लिंग है। अब हम आपको यहां की ट्रिप की प्लानिंग की जानकारी देंगे कि आपको कितने दिन की ट्रिप प्लान करनी चाहिए, किस तरह से आप यहां जाएं और कब जाएं, वहां ठहरने और खाने पीने की क्या व्यवस्था होगी, यहां जाने का दिन सही समय कौनसा होगा तथा भीमाशंकर में और कहां-कहां घूमना चाहिए।

भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग भगवान शंकर के 12 ज्योतिर्लिंग में भीमाशंकर का छठा स्थान है। यह ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र के पुणे से लगभग 110 किलोमीटर दूर सह्याद्रि पर्वत पर स्थित है। इस मंदिर में स्थापित शिवलिंग को भगवान के रूप में पूजा जाता है।

भीमाशंकर कहाँ है? | Where is Bhimashankar?

भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र के पुणे जिले के भोरगिरी गाँव में स्थित है। यह मंदिर सह्याद्रि पर्वतमाला की एक पहाड़ी पर स्थित है। भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग से कुछ ही दूरी पर भीमा नदी बहती है।

भीमाशंकर जाने का सबसे अच्छा समय क्या है? | Best Time To Visit Bhimashankar?

भीमाशंकर जाने के सबसे सही समय की बात करें तो आप सावन के महीने, महाशिवरात्रि और दशहरे को छोड़कर बाकी समय पर आप अपनी भीमशंकर की यात्रा प्लान कर सकते हैं, क्योंकि इन 3 समय पर आपको वहां पर बहुत ज्यादा भीड़ देखने को मिलेगी।

भीमाशंकर क्यों प्रसिद्ध है? | Why is Bhimashankar Famous?

भीमाशंकर मंदिर के लिए प्रसिद्ध है जो देश के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है । इसके अलावा, यह वन्यजीव उत्साही सर्किट में भी प्रसिद्ध है क्योंकि इसमें एक सुंदर वन्यजीव अभयारण्य है जो भारतीय विशाल गिलहरियों और कुछ दुर्लभ और विलुप्त होने के करीब पक्षियों की प्रजातियों का घर है।

भीमाशंकर का इतिहास? | History of Bhimashankar?

युगों पहले डाकिनी के घने जंगलों में, सह्याद्रि की ऊंची पर्वतमालाओं पर भीम नाम का दुष्ट असुर अपनी मां कर्कटी के साथ रहता था। भीम के सामने करुणा और दया कांप उठी। देवता और मनुष्य उससे समान रूप से डरते थे। लेकिन उन्हें अपने अस्तित्व के बारे में कुछ सवालों का सामना करना पड़ा जो उन्हें लगातार परेशान करते रहे।

जब भीम अपनी पीड़ा और जिज्ञासा को सहन नहीं कर सके, तो उन्होंने अपनी मां से अपने जीवन के रहस्यों का खुलासा करने के लिए कहा। उसने अपनी माँ से आग्रह किया कि वह उसे बताए कि उसके पिता कौन थे और उन्होंने उन्हें जंगल के जंगल में क्यों छोड़ दिया था। बहुत झिझक के बाद और लंबे समय तक डरे रहने के बाद करकटी, उसकी माँ ने उसे बताया कि वह शक्तिशाली कुंभकर्ण का पुत्र था, जो लंकाधीश्वर, लंका के सर्वशक्तिमान राजा रावण का छोटा भाई था।

भगवान विष्णु ने भगवान राम के रूप में अवतार लेकर कुंभकर्ण का वध किया था। कर्कटी ने भीम को बताया कि उसके पति और उसके पिता को राम ने महान युद्ध में मार डाला था। इससे भीम क्रोधित हो गया और उसने भगवान विष्णु का बदला लेने की कसम खाई। इसे प्राप्त करने के लिए उन्होंने भगवान ब्रह्मा को प्रसन्न करने के लिए कठोर तपस्या शुरू की।

भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग कहाँ है? | कैसे जाएं | बेस्ट टाइम

दयालु विधाता समर्पित भक्त से प्रसन्न हुए और उसे अपार शक्ति प्रदान की। यह एक भयानक गलती थी, ब्रम्हा ने की। दुष्ट अत्याचारी ने तीनों लोकों में हाहाकार मचा दिया। उसने राजा इंद्र को हराया और स्वर्ग पर कब्ज़ा कर लिया। उसने भगवान शिव के एक कट्टर भक्त – कामरूपेश्वर को भी हराया और उसे कालकोठरी में डाल दिया।

उसने ऋषियों और साधुओं पर अत्याचार करना शुरू कर दिया। इस सब से देवता क्रोधित हो गये। उन सभी ने भगवान ब्रह्मा के साथ भगवान शिव से उनके बचाव के लिए आने का आग्रह किया। भगवान शिव ने देवताओं को सांत्वना दी और उन्हें अत्याचारी से बचाने के लिए सहमत हुए। दूसरी ओर भीम जिद करता है और कामरूपेश्वर को भगवान शिव के बजाय उसकी पूजा करने का आदेश देता है।

जब कामरूपेश्वर ने ऐसा करने से इनकार कर दिया और उनकी पूजा करने से इनकार कर दिया, तो अत्याचारी भीम ने शिव लिंग पर वार करने के लिए अपनी तलवार उठाई, जिस पर कामरूपेश्वर अभिषेक और पूजा कर रहे थे। जैसे ही भीम अपनी तलवार उठाने में कामयाब हुए, भगवान शिव अपनी पूरी भव्यता के साथ उनके सामने प्रकट हो गए।

फिर भयानक युद्ध प्रारम्भ हुआ। लेकिन तभी पवित्र ऋषि नारद प्रकट हुए और भगवान शिव से इस युद्ध को समाप्त करने का अनुरोध किया। तब भगवान शिव ने दुष्ट राक्षस को भस्म कर दिया और इस तरह अत्याचार की गाथा का अंत हुआ। वहां उपस्थित सभी देवताओं और पवित्र ऋषियों ने भगवान शिव से इस स्थान को अपना निवास स्थान बनाने का अनुरोध किया। इस प्रकार भगवान शिव स्वयं भीमाशंकर ज्योतिर्लिंगम के रूप में प्रकट हुए।

ऐसा माना जाता है कि युद्ध के बाद भगवान शिव के शरीर से जो पसीना निकला उससे भीमरथी नदी का निर्माण हुआ।

यह मंदिर त्रिपुरा के अजेय उड़ने वाले गढ़ों से जुड़ी शिव द्वारा राक्षस त्रिपुरासुर को मारने की कथा से निकटता से जुड़ा हुआ है। कहा जाता है कि देवताओं के अनुरोध पर शिव ने भीम रूप में सह्याद्रि पहाड़ियों के शिखर पर निवास किया था और युद्ध के बाद उनके शरीर से जो पसीना निकला था, उससे भीमरथी नदी का निर्माण हुआ।

भीमाशंकर जाने और वहां रहने का प्लान किस प्रकार बनायें? | How to plan to visit Bhimashankar and stay there?

अब बात करते हैं कि भीमाशंकर के लिए कितने दिन का ट्रिप प्लान किया जाए। पुणे या मुंबई के लोकल लोग भीमाशंकर के लिए 1 दिन का प्लान बना कर वहां जाते हैं और एक ही दिन में यहां दर्शन करके वापस लौट जाते हैं। पर अगर आप दूर से या दूसरे राज्यों से आते हैं तो आपको यहां 1 दिन का स्टे प्लान करके ही आना चाहिए।

भीमाशंकर जाने के साधन क्या होंगे? | What would be the means of going to Bhimashankar?

भीमाशंकर जाने के लिए पहले साधन की बात करें तो वह है ट्रेन। इसके लिए आपको सबसे पहले पुणे जंक्शन रेलवे स्टेशन पर आना पड़ेगा, यहां के लिए लगभग सारे शहरों के लिए कनेक्टिविटी रहती है। भीमाशंकर का निकटतम प्रमुख स्टेशन पुणे रेलवे स्टेशन है जो लगभग 95 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।

नाशिक से भीमाशंकर 205 किलोमीटर दूर स्थित है। पुणे जाने के लिए नासिक रोड से सुबह 5 बजे ट्रेन नंबर 11025 भुसावल – पुणे एक्सप्रेस चलती है और पुणे में दोपहर 12 बजे तक पहुँचती है। बस द्वारा भीमाशंकर जाने के लिए नाशिक से नारायण गांव तक बस से जाना पड़ेगा, उसके बाद नारायण गांव से डायरेक्ट बस भीमाशंकर के लिए मिलती है।

दूसरे साधन की बात करें तो वह है फ्लाईट। पुणे में ही एयरपोर्ट भी मौजूद है। तो आप अगर फ्लाईट से आते हैं तो आप पुणे एयरपोर्ट आकर यहां से अपनी भीमाशंकर यात्रा के लिए आगे बढ़ सकते हैं। भीमाशंकर आने का तीसरा साधन है रोड। तो आप भारत के किसी भी हिस्से से बाय रोड भी भीमाशंकर यात्रा के लिए रवाना हो सकते हैं।

मुंबई से यह दूरी आपको करीब 300 किलोमीटर, शिरडी से 170 किलोमीटर, नासिक से 175 किलोमीटर, त्रयंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर 200 किलोमीटर, भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग मंदिर 300 किलोमीटर और पुणे से 250 किलोमीटर तय करनी होती है।

पुणे से आगे भीमाशंकर जाने का सफ़र प्रकार से होगा? | How will be the journey from Pune onwards to Bhimashankar?

अगर आप अपनी पर्सनल गाड़ी से भीमाशंकर जा रहे हैं तो आप आराम से अपनी गाड़ी से वहां तक जा सकते हैं पर अगर आप बाय रोड या बाय फ्लाईट आते हैं तो आपको पुणे से आगे का सफर बस से तय करना होगा। आप पुणे से भीमाशंकर के लिए टैक्सी भी बुक कर सकते हैं।
पुणे से भीमाशंकर के लिए बस के लिए आपको पहले जाना होगा शिवाजी नगर बस स्टैंड जो की पुणे से लगभग 4 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां के लिए आपको आसानी से ऑटो मिल जायेगा जो कि आपको बस स्टैंड पहुंचने के 100 -120 रुपए लेगा। शिवाजी नगर बस स्टैंड से आपको हर आधे घंटे में भीमाशंकर तक जाने के लिए बस मिल जायेगी।

भीमाशंकर जाने के साधन क्या होंगे?

बस स्टैंड से भीमाशंकर तक की दूरी लगभग 120 किलोमीटर की है जिसे तय करने में लगभग 3 से 4 घंटे का समय लग जायेगा। सरकारी बस यानी महाराष्ट्र रोड ट्रांसपोर्ट की बस का भीमाशंकर जाने का किराया आपको लगभग 180 रुपए प्रति व्यक्ति पड़ेगा। अगर आप प्राइवेट बस लेते हैं तो उसका किराया आपको इससे थोड़ा सा ज्यादा पड़ सकता है।

भीमाशंकर पहुंचने के विभिन्न तरीके

प्रकारमार्गदूरीदर्शनीय समयलागत (आशयी लागत रेंज)
वायुमार्गपुणे सेलगभग 213 किलोमीटर5 घंटे3000 – 5000
रेलमार्गपुणे रेलवे स्टेशन से
सड़कमार्गपुणे सेलगभग 213 किलोमीटर5 घंटे2000 – 4000

भीमाशंकर 12 महीने का तापमान डेटा | Bhimashankar 12 Months Temperature Data

महीनाउच्चतम तापमान (°सेल्सियस)न्यूनतम तापमान (°सेल्सियस)
जनवरी168
फरवरी1810
मार्च2112
अप्रैल2516
मई2819
जून2720
जुलाई2419
अगस्त2419
सितंबर2418
अक्टूबर2316
नवंबर2012
दिसंबर179

भीमशंकर में ठहरने की व्यवस्था कैसे होगी? | How will be the arrangement for stay in Bhimshankar?

अगर आप पीक सीजन में भीमशंकर दर्शन के लिए आते हैं तो आपको होटल की कॉस्ट बहुत ज्यादा देखने को मिलेगी। बस स्टैंड के पास में ही बहुत सारे होटल आपको मिल जाएंगे जहां का कॉस्ट पीक सीजन में 1200-1500 प्रति दिन तक पड़ेगा। और अगर बात करें नॉर्मल सीज़न में तो रूम का किराया 500-700 रूपये तक ही होता है।

भीमाशंकर मंदिर में जाने के लिए आपको 325 सीढियां उतर के नीचे जाना होगा। यहां पर भी आपको मंदिर परिसर के पास में कुछ होटल मिल जायेंगे। जहां पर पीक सीजन में रूम का किराया 1000- 2000 रुपए तथा नॉर्मल सीजन में रूम का किराया 500-1000 रुपए तक होता है। यहां पर आपको मंदिर में दर्शन करने में आसानी होगी।

भीमाशंकर मंदिर में दर्शन कैसे होंगे? | How will darshan happen in Bhimashankar temple?

अगर आप ऑफ सीज़न में भीमाशंकर आते हैं तो आपको दर्शन के लिए लाइन में 1 घंटे से भी कम समय लगेगा। वहीं अगर आप पीक सीजन में आते हैं तो आपको यहां ढाई से 3 घंटे लग सकते हैं। भीमाशंकर मंदिर में सुबह 5:30 बजे आरती होती है और अगर आप इसके बाद लाइन में लगते हैं तो आपको यहां पर ज्योतिर्लिंग पर आवरण लगा मिलेगा। वहीं अगर आप सुबह की आरती से पहले जाते हैं तो आपको ज्योतिर्लिंग के दर्शन बिना आवरण के करने को मिलेंगे। इस तरह आप भोलेनाथ के साक्षात दर्शन कर उस पर जल भी चढ़ा सकते हैं।

भीमाशंकर में खाने की व्यवस्था किस प्रकार होगी? | What will be the arrangements for food in Bhimashankar?

भीमाशंकर मंदिर परिसर के पहाड़ी पर होने की वजह से जगह का ज्यादा विस्तार नहीं है, जिससे आसपास बहुत ही कम होटल मौजूद हैं। मंदिर से ऊपर सीढियां चढ़कर आपको वहां पर बहुत सारे होटल मिल जायेंगे। यहां पर आपको थाली सिस्टम में 80, 100, 120 रुपए में खाना मिल जायेगा।

भीमाशंकर के आसपास और कहां-कहां घूमना चाहिए? | Where else should one visit around Bhimashankar?

भीमाशंकर के आसपास की जगहों की बात करें तो मंदिर के पास से ही जंगल की तरफ को एक रास्ता जाता है, जो कि गुप्त भीमाशंकर को जाता है जिसकी भीमाशंकर मंदिर से दूरी लगभग 2.5 किलोमीटर है। इसका पूरा रास्ता जंगल से होकर जाता है तो आपको यहां तक की दूरी पैदल तय करनी होगी। गुप्त भीमाशंकर में भीमा नदी का उदगम स्थल है। तो आप यहां जाकर इस जगह का आनंद उठा सकते हैं।

दूसरा स्थान है बॉम्बे प्वाइंट, जो कि मंदिर की सीढियां शुरू होने से पहले ही पास में स्थित है। यहां पर से आपको शाम के समय सनसेट का अदभुत नजारा देखने को मिलेगा। साथ ही अगर आप फोटोग्राफी में इंटरेस्ट रखते हैं तो ये जगह आपके फोटोशूट के लिए भी सही रहेगी।

तीसरी जगह के लिए भी आपको मंदिर से लगभग 2.5 किलोमीटर की दूरी पैदल चलकर तय करनी होगी। ये स्थान है अंजनी माता मंदिर। यहां पर आप अंजनी माता यानी हनुमान की माता के दर्शन कर सकते हैं। यहां पर बंदरों की संख्या बहुत ज्यादा है जिससे आपको थोड़ा डिस्टर्बेंस हो सकता है। तो आप अपने पास रखे सामान का ध्यान रखें।

भीमाशंकर से पुणे वापसी किस प्रकार कर सकते हैं? | How to return from Bhimashankar to Pune?

आपको बता दें कि भीमाशंकर से पुणे के लिए दिन की आखिरी बस शाम को 5 बजे तक निकल जाती है। तो आप कोशिश करें कि आप 5 बजे तक बस ले लें क्योंकि 5 बजे के बाद आपको यहां से कोई बस नहीं मिलेगी। और आपको कोई प्राइवेट टैक्सी या ट्रैवलर से वापस जाना होगा जिसका कॉस्ट थोड़ा ज्यादा होता है।

भीमाशंकर यात्रा का कुल खर्चा कितना होगा? | What will be the total cost of Bhimashankar Yatra?

आपके बाय रोड, बाय ट्रेन या बाय फ्लाईट से पुणे पहुंचने तक के खर्चे को छोड़कर अगर बात की जाए पुणे से भीमाशंकर तक आने , यहां ठहरने, खाने पीने और घूमने के खर्चे की तो ऑफ सीज़न में आपका कुल खर्चा 1500-2000 रुपए तथा ऑन सीज़न या पीक सीजन में कुल खर्चा 3000-4000 रुपए तक आयेगा।

भीमाशंकर से संबंधित प्रमुख प्रश्न | FAQ

भीमाशंकर की यात्रा में क्या विशेष है?

भीमाशंकर की यात्रा में महादेव मंदिर की दर्शनीयता और आध्यात्मिकता का अनुभव होता है, जो श्रद्धालुओं को आशीर्वाद देता है।

भीमाशंकर में कितने दिनों के लिए रुकना चाहिए?

आमतौर पर, भीमाशंकर यात्रा के लिए 2-3 दिन

भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग का महत्व क्या है?

भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग एक बहुत ही पवित्र और महत्वपूर्ण मंदिर है। यह भगवान शिव के बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है। इस मंदिर में दर्शन करने से भक्तों को सभी पापों से मुक्ति मिलती है और उन्हें मोक्ष की प्राप्ति होती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *