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रामेश्वरम कहाँ है? | कैसे जाएं | बेस्ट टाइम

रामेश्वरम कहाँ है? | कैसे जाएं | बेस्ट टाइम

जय हिंद दोस्तों कैसे हैं आप सब? आज हम तमिलनाडु राज्य की रामनाथपुरम जिले के अंतर्गत रामेश्वरम की यात्रा के बारे में बात करने वाले हैं। हमारा रामेश्वरम चार धामों में से एक धाम भी है और 12 ज्योतिर्लिंग में से 1 ज्योतिर्लिंग भी है, रामेश्वरम कैसे जाना है? रामेश्वरम में आपको कहां रुकना है? आपके लिए वहां पर खाने पीने की क्या व्यवस्था है? वहां पर भोजनालय कहां मिलेगा? और रामेश्वरम जाने का सबसे अच्छा और उचित समय कौन सा है? और यह भी जानेंगे कि आपको घूमने के लिए कितने दिन का प्लान बनाना चाहिए और टोटल खर्चा कितना जाएगा? जिससे आपको रामेश्वरम जाने के लिए काफी सहूलियत मिल जाएगी।

रामेश्वरम कहाँ है? | Where is Rameswaram?

रामेश्वरम तमिलनाडु राज्य, भारत में स्थित है। यह परियार नदी के मुख के पास बंदरबानी द्वीप पर स्थित है और श्रीलंका के समीप होने के कारण यह गहरे आध्यात्मिक और धार्मिक महत्व का केंद्र है।

रामेश्वरम जाने का सबसे अच्छा समय क्या है? | Best Time To Visit Rameswaram?

अक्टूबर से फरवरी – अक्टूबर का मौसम ठंडा होता है और रामेश्वरम में विभिन्न आकर्षणों को देखने के लिए आदर्श है। यह रामेश्वरम में पीक टूरिस्ट सीजन की शुरुआत का भी प्रतीक है। सर्दी का मौसम नवंबर के महीने से शुरू होकर फरवरी तक चलता है।

रामेश्वरम क्यों प्रसिद्ध है? | Why is Rameswaram Famous?

रामेश्वरम का विशेष धार्मिक महत्व है, क्योंकि यहाँ पर पावन राम सेतु बंधन का अवलोकन किया जा सकता है, जिसके अनुसार भगवान श्रीराम ने श्रीलंका जाने के लिए सेतु सेतु का निर्माण किया था। यहाँ की रामेश्वरम रामायण के महत्वपूर्ण प्रसंगों के संदर्भ में जाना जाता है और यहाँ के मंदिर और धार्मिक स्थल आध्यात्मिकता की अद्वितीयता को प्रकट करते हैं।

रामेश्वरम का इतिहास? | History of Rameswaram?

भव्य रामेश्‍वरम मंदिर की कथा त्रेतायुग से चली आ रही है। तमिलनाडु का यह पवित्र स्थान अपने साथ भक्ति और पवित्रता की सुगंध लाता है। प्यारा सा छोटा सा रामेश्वरम द्वीप अपने रामनाथस्वामी मंदिर के लिए बेहद लोकप्रिय है, जिसे रामेश्वरम मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। ऐसा माना जाता है कि भगवान राम ने भगवान रावण को मारने के अपने पाप से मुक्ति पाने के लिए यहां तपस्या की थी।

चूँकि रावण एक ब्राह्मण था, इसलिए यह माना जाता है कि उसका वध सबसे बड़ी बुराई में से एक है जिसे कोई भी कर सकता है। जब भगवान श्रीलंका से अयोध्या लौट रहे थे, तो उन्होंने देवों के देव शिव से क्षमा प्रार्थना करने का निर्णय लिया। रामेश्‍वरम में भगवान शिव की कोई मूर्ति या मूर्ति नहीं थी; उन्होंने महान भगवान हनुमान से हिमालय से पवित्र मूर्ति लाने का अनुरोध किया।

रामेश्वरम

हनुमान की वापसी में देरी के कारण, माता सीता ने तट की रेत से शिव का प्रतिष्ठित मंदिर तैयार किया। बाद में, जब हनुमान जी हिमालय से शिव लिंगम लेकर आए, तो इसे मंदिर के आसपास भी स्थापित किया गया। इसलिए, पवित्र मंदिर में 2 लिंगम हैं; एक सीता द्वारा निर्मित रामलिंगम और दूसरा भगवान हनुमान द्वारा महान कैलाश से लाया गया, जिसे विश्वलिंगम कहा जाता है।

पवित्र रामेश्वरम मंदिर को मोक्ष प्राप्त करने के लिए 4 दिव्य स्थलों में से एक माना जाता है। हिंदू शाश्वत आनंद की प्राप्ति के लिए बद्रीनाथ, पुरी, द्वारका और रामेश्वरम नामक 4 धामों की यात्रा करने में विश्वास करते हैं। यह तीर्थ स्थल काफी लोकप्रिय है क्योंकि कहा जाता है कि भगवान शिव प्रलय तक यहीं निवास करेंगे। किंवदंती कहती है कि भगवान राम ने सर्वोच्च से अनुरोध किया कि वह पवित्र स्थान कभी न छोड़ें ताकि मानव जाति उनकी बेदाग उपस्थिति से लाभान्वित हो सके। सभी धर्मों के लोग महा शिवरात्रि के दौरान भगवान शिव के प्रति सम्मान और प्रसाद अर्पित करने और उनका आशीर्वाद लेने के लिए बड़ी संख्या में यहां आते हैं।

विशाल मंदिर 15 एकड़ के विशाल क्षेत्र में फैला हुआ है जिसमें विशाल नंदी की मूर्ति, विशाल दीवारें, ऊंचे टावर, विशाल द्वार, नक्काशीदार गलियारे और बहुत कुछ शामिल है। यह मंदिर दुनिया के सबसे बड़े गलियारे का दावा करता है जिसकी लंबाई 4000 फीट और 4000 रंगीन उत्कीर्ण खंभे हैं। जटिल कार्य और विवरण उल्लेखनीय है। रामेश्वरम अपनी नाजुक हस्तकला के लिए जाना जाता है और यह मंदिर इसका उत्कृष्ट उदाहरण है।

मंदिर की अनगिनत कहानियों और लिंगम की स्थापना के कारण रामेश्वरम मंदिर की अत्यधिक लोकप्रियता हुई है। कहानियाँ कई हो सकती हैं लेकिन वे सभी इस तथ्य से मेल खाती हैं, कि मूर्तियाँ भगवान विष्णु के अवतार द्वारा स्थापित की गई थीं। पहले विश्वलिंगम और फिर रामलिंगम की पूजा करने की परंपरा रही है; और यह आज तक जारी है. लोग प्रायश्चित करने और दो लिंगों तक पहुंचने से पहले अपने पापों को धोने के लिए मंदिर के 22 पवित्र कुंडों में पवित्र डुबकी लगाते हैं। विश्वास करें या न करें, लेकिन आप पवित्र द्वीप की हवा में भगवान की उपस्थिति महसूस कर सकते हैं। किसी को यह विश्वास करने के लिए इसे देखना होगा कि आप यहां जो पवित्रता और शांति महसूस करते हैं वह स्वर्गीय है और कोई अन्य स्थान या मंदिर रामेश्‍वरम से बढ़कर भगवान के समान नहीं है।

रामेश्वरम कैसे पहुँचें? | How to reach Rameswaram?

रामेश्वरम बाय ट्रेन कैसे पहुंचे? | How to reach Rameswaram by train?

सबसे पहले बात करते हैं कि आपको रामेश्वरम कैसे पहुंचना है? तो रामेश्वरम पहुंचने के लिए आपके पास तीन ऑप्शन है। पहले ऑप्शन की अगर में बात तो वह है आपका बाय ट्रेन। अगर आप ट्रेन से आना चाहते हैं तो रामेश्वरम में ही हमारा रेलवे स्टेशन है। तो आप के शहर से रामेश्वरम तक की ट्रेन है तो बहुत सुंदर। अगर आपको डायरेक्ट नहीं मिल रही है रामेश्वरम के लिए तो आप मदुरई आ सकते हैं, मदुरई से रामेश्वरम की दूरी 170km है।

दूसरा टिप आप मदुरई से रामेश्वरम पाई बस जा सकते हैं या फिर अगर आप चाहें ट्रेन बदलकर करके भी आप मदुरई से रामेश्वरम पहुँच सकते हैं। लेकिन अगर आपके शहर से मदुरई तक डारेक्ट नहीं मिलती है तो मैं आपको यह राय दूंगा कि आप चेन्नई एगमोरे (Chennai Egmore) आ जाएंगे और चेन्नई एगमोरे से आपको रामेश्वरम के लिए ढेर सारी ट्रेन मिल जाएंगी। अगर आपको मदुरई तक डायरेक्ट ट्रेन नहीं मिलती है तो आप चेन्नई एगमोरे आइये और चेन्नई एगमोरे से आप रामेश्वरम पहुंच सकते है।

आपको बता दें कि अगर आप मदुरै से रामेश्वरम तक का सफर ट्रेन से तय करते हैं तो आपको भारत के सबसे लंबे समुद्र पुल यानी पंबन ब्रिज का सुन्दर नजारा देखने को मिलेगा। आपको यह नज़ारा मिस नहीं करना चाहिए, क्योंकि यहां पर आपको बहुत आनंद आएगा।

रामेश्वरम बाय रोड कैसे पहुंचे? | How to reach Rameswaram By Road?

दूसरा विकल्प है बाय रोड। रामेश्‍वरम, चेन्‍नई से सड़क मार्ग द्वारा अच्‍छी तरह से जुड़ा हुआ है। चेन्‍नई से रामेश्‍वरम तक के लिए नियमित रूप से बसें चलती है। पर्यटक, वाल्‍वो से भी रामेश्‍वरम तक जा सकते है। चेन्‍नई से रामेश्‍वरम तक का वाल्‍वो से किराया 500 रूपए और राज्‍य सरकार की बसों का किराया 100 से 150 रूपए होता है। अगर आप अपनी पर्सनल गाड़ी से रामेश्वरम आ रहे हैं तो आप वाया मदुरै रामेश्वरम आ सकते हैं।

रामेश्वरम बाय फ्लाइट कैसे पहुंचे? | How to reach Rameswaram by flight?

और तीसरा विकल्प है बाय फ्लाईट। रामेश्वरम के सबसे नजदीक मदुरै एयरपोर्ट है, तो आप यहां तक बाय फ्लाईट भी आ सकते हैं।

फ्लाईट या ट्रेन से मदुरै तक आने के बाद अगर आप बस से सफर करते हैं तो यहां पर आपको बहुत सी बस भी मिल जायेगी।
मदुरै से रामेश्वरम का बस का किराया लगभग 250-300 रुपए प्रति व्यक्ति है। साथ ही आप प्राइवेट टैक्सी भी ले सकते हैं।

रामेश्वरम पहुंचने के विभिन्न तरीके

प्रकारमार्गदूरीदर्शनीय समयलागत (आशयी लागत रेंज)
वायुमार्गमदुरई वायुमार्ग सेलगभग 167 किलोमीटर2 घंटे2000 – 3000
रेलमार्गरामेश्वरम रेलवे स्टेशन से
सड़कमार्गरामेश्वरम कोडैकनाल रोड के माध्यम सेलगभग 22 किलोमीटर40 मिनट500 – 1000

रामेश्वरम 12 महीने का तापमान डेटा

महीनाउच्चतम तापमान (°सेल्सियस)न्यूनतम तापमान (°सेल्सियस)
जनवरी2921
फरवरी3022
मार्च3224
अप्रैल3527
मई3728
जून3728
जुलाई3627
अगस्त3526
सितंबर3425
अक्टूबर3224
नवंबर3023
दिसंबर2921

रामेश्वरम दर्शन, पूजा विधि की पूरी जानकरी | Rameshwaram Darshan, complete information about worship method

रामेश्वरम पहुंच के आपको मंदिर के दर्शन से पहले आपको सबसे पहले अग्नि तीर्थ नामक स्थान पर स्नान करना चाहिए, जो की मंदिर परिसर से लगभग 100 मीटर की दूरी पर स्थित है। कहा जाता है कि जब श्री राम रावण का वध करके वापस आए थे तो इसी स्थान पर श्री राम ने भी स्नान किया था। यहां की लहरें श्री राम के स्पर्श से ही शांत हो गई थी।

अग्नि तीर्थ में स्नान करने के बाद जब आप मंदिर परिसर में दर्शन के लिए पहुंचेंगे तो उससे पहले वहां पर आपको एक बार फिर से यहां पर बने 22 अलग अलग तीर्थों के कुंडो में स्नान करना होगा। इन कुंडो में स्नान करने के लिए आपसे यहां पर 20-25 रुपए कॉस्ट लिया जाता है।

यहां पर आपको गवर्नमेंट एम्प्लॉय मिलेंगे जो की आपके ऊपर इन कुंडो का जल डालकर आपको स्नान करवाएंगे। इसमें आपको 30- 40 मिनट का समय लगेगा। स्नान के बाद आप मंदिर परिसर में बने चेंजिंग रूम में सूखे और साफ वस्त्र धारण करके दर्शन के लिए आगे बढ़ सकते हैं।

रामेश्वरम मंदिर परिसर में शिवजी के 2 शिवलिंग है। पहला जो हनुमान जी कैलाश पर्वत से लाए थे और दूसरा जो सीता माता के द्वारा रेत से निर्मित किया गया था। इसकी क्रम में आपको यहां पर दोनो शिवलिंग के दर्शन करने होते हैं। यहां मंदिर के अंदर आपको बहुत ही अदभुत कारीगरी देखने को मिलेंगी। रामेश्वरम मंदिर में भारत का सबसे बड़ा कॉरिडोर है जो की बहुत ही खूबसूरत है।

मंदिर परिसर में ही लगे और भी मंदिर हैं जैसे कि अंबिका माता जी का मंदिर, हनुमान जी का मंदिर, पार्वती माता का मंदिर, आदि। इन मंदिरों में जाकर भी आप दर्शन कर सकते हैं।

रामेश्वरम में कहां ठहरे? | Cheap Accommodation in Rameswaram

रामेश्वरम में रुकने के लिए भी आपको 3 विकल्प मिलेंगे, जोकी निम्न प्रकार से हैं-

रामेश्वरम में रहने के लिए धर्मशाला | Dharamsala to stay in Rameshwaram

पहला विकल्प है धर्मशाला, जो कि आपको सबसे कम किराए पर मिल जायेगा। ये धर्मशालाएं आपको मंदिर परिसर के आस पास ही आधे से 1 किलोमीटर के दायरे में मिल जाएंगी। यहां पर एक दिन का रूम का किराया 250-300 रुपए तक होता है।

रामेश्वरम मंदिर ट्रस्ट –

दूसरा विकल्प है रामेश्वरम मंदिर ट्रस्ट के रूम्स, जिन्हे आप आने के 3 दिन पहले यहां की ऑफिशियल वेबसाइट www.tnhrce.gov.in से ऑनलाइन बुक करवा सकते हैं। यहां पर रूम का किराया लगभग 500 रूपये होता है।

प्राइवेट होटल रूम –

तीसरा विकल्प है प्राइवेट होटल रूम। अगर आपको धर्मशाला या मंदिर के ट्रस्ट से रूम नहीं मिलता है तो रामेश्वरम में आपको बहुत से प्राइवेट होटल्स भी मिल जायेगे जिनमे रूम का किराया 500-1000 रूपये तक होता है।

रामेश्वरम में खाने पीने की व्यवस्था क्या होगी?

रामेश्वरम में आपको खाने पीने में भी 2 विकल्प मिलेंगे। पहला विकल्प तो ये है कि यहां पर मंदिर ट्रस्ट की ओर से लंगर/भंडारा लगाया जाता है। तो आप लंगर में जाकर भोजन ग्रहण कर सकते हैं। यहां पर खाने की टाईमिंग सुबह के 11 बजे से दिन के 3 बजे तक रहती है।

यहां पर सुबह का नाश्ता और रात का भोजन नहीं दिया जाता है। तो आपका दूसरा विकल्प है प्राईवेट होटल्स या रेस्टुरेंट। यहां पर आपको बहुत सारे होटल मिल जायेगे जिनमे खाने का कॉस्ट 100-150 रूपये तक होता है। इस प्रकार से आप यहां पर खाना पीना ले सकते हैं।

रामेश्वरम में कितने दिन स्टे ले?

अगर आप पूरी तरह से रामेश्वरम घूमना चाहते हैं तो इसके लिए 2 दिन काफ़ी होंगे। तो आपको यहां पर 2 दिन का स्टे लेना चाहिए।

रामेश्वरम में क्या है देखने लायक? | What are the special places in Rameshwaram?

पंचमुखी हनुमान मंदिर

अब अगर बात करें कि आपको रामेश्वरम में और कहां कहां घूमना चाहिए तो पहले स्थान पर आता है पंचमुखी हनुमान मंदिर। यहां पर आपको हनुमान जी की एक बहुत बड़ी मूर्ति देखने को मिलेगी जिसके आप दर्शन कर सकते हैं।

नांबू नायगी मंदिर

दूसरा स्थान है नांबू नायगी मंदिर। यह पार्वती माता का मंदिर है। कहा जाता है कि जिन्हे संतान प्राप्ति में परेशानी होती है वो इस मंदिर में अवश्य जाते हैं, जिससे उनको इस समस्या से छुटकारा मिल जाता है। तो आप यहां जाकर मां पार्वती के दर्शन भी कर सकते हैं।

साक्षी हनुमान मंदिर

तीसरा स्थान है साक्षी हनुमान मंदिर। यह रामेश्वरम मंदिर परिसर से लगभग 2 किलोमीटर की दुरी पर स्थित है।

सर कलाम स्मारक

अगला स्थान है सर कलाम स्मारक। यहां पर ए पी जे अब्दुल कलाम जी का स्मारक बनाया गया है। यहीं पर कलाम को उनकी मृत्यु के बाद दफनाया गया था। यहां पर भी आप जाकर उनको श्रद्धांजलि अर्पित कर सकते हैं।

धनुषकोडी

अगला स्थान है धनुषकोडी। यहां पर आपको अपने स्टे के दूसरे दिन जाना चाहिए। यह रामेश्वरम से लगभग 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। ये वही स्थान है जहां पर रामायण काल में वानरों के द्वारा श्रीलंका के लिए पत्थरों से पुल का निर्माण किया गया था। धनुषकोडी पहले रेलवे स्टेशन हुआ करता था लेकिन सुनामी के बाद यहां सब कुछ ध्वस्त हो गया। यहां पर भी स्नान करना पवित्र माना जाता है तो आप भी यहां जाकर स्नान जरूर करें।

रामेश्वरम में घूमने के साधन क्या होंगे? | What are the modes of travel around Rameshwaram?

इन सभी स्थानों में घूमने के लिए आपको मंदिर परिसर के पास स्थित अग्नि तीर्थ के पास से बस, टैक्सी या ऑटो मिल जायेंगे। अगर आप ऑटो बुक करते हैं तो आपको इसका किराया लगभग 1000-1200 रूपये पड़ेगा जिसमे आप ये सभी स्थानों पर घूम सकते हैं।

रामेश्वरम यात्रा में कुल खर्चा कितना आएगा?

बात करें रामेश्वरम में रहने, खाने पीने, घूमने, आदि के कुल खर्चे की तो यहां पर आपका कुल खर्चा लगभग 1500-2000 प्रति व्यक्ति तक होगा। ध्यान रखें कि इसमें आपके बाय ट्रेन, बाय रोड या बाय फ्लाईट से आने का खर्चा नहीं जोड़ा गया है।

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